क्या सुप्रीम कोर्ट ने भुल्लर की जमानत याचिका को खारिज कर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर की जमानत याचिका खारिज।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मामला हाई कोर्ट में पेंडिंग है।
- भुल्लर ने सीबीआई की जांच के अधिकार पर सवाल उठाए।
- भुल्लर के खिलाफ सीबीआई ने बड़ी मात्रा में संपत्ति जब्त की।
- अगली सुनवाई एक महीने बाद होगी।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार पंजाब के रोपड़ के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत की मांग से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस चरण पर वह दखल नहीं देगा, क्योंकि मामला अभी हाई कोर्ट में पेंडिंग है।
कोर्ट ने भुल्लर के वकील की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया, जिसके बाद वकील ने अपनी याचिका वापस ले ली।
असल में, भुल्लर ने अपनी कानूनी स्थिति में सीबीआई की जांच के अधिकार पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि पंजाब में सीबीआई को केस दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से आवश्यक मंजूरी नहीं मिली है, इसलिए सीबीआई का जांच का अधिकार नहीं बनता। इसी कारण उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया और अंतरिम राहत के तौर पर जमानत तथा केस पर रोक लगाने की मांग की।
हालांकि, हाई कोर्ट ने कोई अंतरिम राहत नहीं दी और मामले की अगली सुनवाई एक महीने बाद तय की गई। इसके बाद भुल्लर ने सुप्रीम कोर्ट से राहत की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से मना कर दिया और स्पष्ट किया कि इस समय वह हाई कोर्ट के फैसले में दखल नहीं देगा।
गौरतलब है कि सीबीआई ने 16 अक्टूबर को रोपड़ रेंज के डीआईजी के रूप में तैनात भुल्लर को बिचौलिए कृषाणु शारदा के साथ गिरफ्तार किया था। उन पर स्क्रैप डीलर आकाश से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। शारदा को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया, जबकि डीआईजी भुल्लर को मोहाली में उनके ऑफिस से गिरफ्तार किया गया।
चंडीगढ़ में भुल्लर के घर पर तलाशी के दौरान, सीबीआई ने 7.36 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 2.32 करोड़ रुपये से अधिक के गहने, 26 ब्रांडेड और महंगी घड़ियां, साथ ही परिवार के सदस्यों के नाम पर लगभग 50 अचल संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए। डीआईजी भुल्लर के खिलाफ बेहिसाब संपत्ति जमा करने के लिए एक और एफआईआर इंस्पेक्टर सोनल मिश्रा की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी।