क्या मुंबई बम ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट का स्टे उचित है? : देवेंद्र फडणवीस

Click to start listening
क्या मुंबई बम ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट का स्टे उचित है? : देवेंद्र फडणवीस

सारांश

सुप्रीम कोर्ट ने २००६ के मुंबई बम ब्लास्ट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे उचित कदम बताया और जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर विशेष अध्ययन केंद्र का उद्घाटन किया। जानें इस निर्णय का क्या महत्व है।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई बम ब्लास्ट मामले में स्टे दिया है।
  • मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे उचित कदम बताया।
  • जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर अध्ययन केंद्र का उद्घाटन हुआ।
  • यूनेस्को ने शिवाजी महाराज के कार्यों को मान्यता दी है।
  • यह निर्णय न्याय और इंसाफ का प्रतीक है।

नई दिल्ली, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई बम ब्लास्ट, २००६ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्णय पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे उचित कदम बताया।

उन्होंने जेएनयू में 'श्री छत्रपति शिवाजी महाराज विशेष सुरक्षा एवं सामरिक अध्ययन केंद्र' की आधारशिला रखी और 'कुसुमाग्रज विशेष मराठी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति केंद्र' का उद्घाटन किया।

दोनों केंद्रों की स्मारक शिला पट्टिकाओं का भी अनावरण किया गया। इस अवसर पर मंत्री उदय सामंत, जेएनयू की कुलपति प्रो. शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई बम ब्लास्ट, २००६ मामले में सुप्रीम कोर्ट के स्टे पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया है, क्योंकि लोअर कोर्ट के जजमेंट में सही अपराधियों को सजा दी गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाया है, जो बहुत सही कदम है।"

जेएनयू में आयोजित कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि जेएनयू में छत्रपति शिवाजी महाराज, जिन्होंने इस देश में स्वराज की शुरुआत की, के नाम से अध्ययन केंद्र शुरू हो रहा है। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। भारत की समुद्री शक्ति को सबसे पहले पहचानने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज थे। उन्होंने हमारे समुद्र किनारे किले बनाए और ऐसी तटबंध खड़ी की कि दुश्मन अंदर नहीं आ पाए। उनके जमाने में अंग्रेज और पुर्तगाली यहां आने से डरते थे। शिवाजी एक दृष्टा के रूप में जो एक प्रकार से सामरिक चिंतन करते थे, उसी का अध्ययन इस केंद्र में होगा।"

इससे पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम फडणवीस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज न केवल मराठियों के लिए एक आदर्श हैं, बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए प्रेरणा के शाश्वत स्रोत हैं। यूनेस्को द्वारा उनके अद्वितीय सामरिक नियोजन और स्थापत्य कला को 'मराठा सैन्य परिदृश्य' के रूप में मान्यता प्रदान करना और उनके १२ किलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल करना अत्यंत गौरव की बात है।

Point of View

बल्कि यह उन पीड़ितों के प्रति न्याय का एक महत्वपूर्ण संकेत है जो इस त्रासदी से प्रभावित हुए हैं। यह निर्णय समाज की न्यायप्रियता को भी दर्शाता है।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों स्टे दिया?
सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया क्योंकि लोअर कोर्ट के निर्णय में सही अपराधियों को सजा दी गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।
देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
देवेंद्र फडणवीस ने इसे उचित कदम बताया और कहा कि यह निर्णय सही दिशा में है।
जेएनयू में किस प्रकार के केंद्र का उद्घाटन हुआ?
जेएनयू में 'छत्रपति शिवाजी महाराज विशेष सुरक्षा एवं सामरिक अध्ययन केंद्र' का उद्घाटन हुआ।
छत्रपति शिवाजी महाराज का क्या महत्व है?
छत्रपति शिवाजी महाराज भारतीय इतिहास में एक महान नेता और सामरिक विचारक हैं।
यूनेस्को ने शिवाजी महाराज को कैसे मान्यता दी है?
यूनेस्को ने उनके सामरिक नियोजन और स्थापत्य कला को 'मराठा सैन्य परिदृश्य' के रूप में मान्यता दी है।