क्या वक्फ पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सकारात्मक परिणाम आएंगे?: विश्वास सारंग

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट का निर्णय वक्फ कानून पर महत्वपूर्ण है।
- मंत्री विश्वास सारंग ने इसे सकारात्मक बताया है।
- वक्फ की संपत्ति का उपयोग गरीब बच्चों के लिए होना चाहिए।
- कांग्रेस के नेताओं ने वक्फ संपत्ति पर कब्जा कर रखा था।
- सुप्रीम कोर्ट ने कुछ धाराओं पर अंतरिम रोक लगाई है।
भोपाल, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ कानून के कई प्रावधानों पर रोक लगाने का आदेश दिया है। मध्य प्रदेश में मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने इस निर्णय को सकारात्मक बताया और कहा कि यह निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम लाएगा।
मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "जिन चुनिंदा मुस्लिम नेताओं ने सालों से वक्फ की संपत्ति पर कब्जा कर रखा था, आज उन्हें झटका लगा है। सरकार ने एक सकारात्मक निर्णय लिया था। वक्फ की संपत्ति का उपयोग गरीब बच्चों के लिए होना था, लेकिन इसके विपरीत कांग्रेस के कुछ मुस्लिम नेताओं ने उस पर कब्जा कर लिया था। जब कानून आया तो उन्हें समस्या हुई और उन्होंने याचिका दायर की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। सरकार की सकारात्मक सोच पर सर्वोच्च अदालत ने मुहर लगाई है। यह साबित करता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हर वर्ग के हित के लिए काम करती है।"
उन्होंने आगे कहा, "मेरा मानना है कि वक्फ बोर्ड भटक गया था। कांग्रेस के कुछ मुस्लिम नेता धर्म और तुष्टिकरण की राजनीति करते थे। सुप्रीम कोर्ट के सकारात्मक निर्णय से गरीब परिवारों को लाभ होगा। मुझे लगता है कि यदि गरीब मुस्लिम का फायदा होता है तो इसे धर्म पर हमला नहीं माना जा सकता। कुछ नेता वक्फ की संपत्ति का उपयोग ऐशो-आराम के लिए करते थे और आज के निर्णय से उन्हीं के लिए समस्या उत्पन्न हुई है।"
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर पूरी तरह से रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि किसी भी कानून की संवैधानिकता की धारणा होती है और इसे केवल अत्यंत दुर्लभ मामलों में ही रोका जा सकता है। हालांकि, कोर्ट ने वक्फ कानून के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम रोक लगाई है। अब कलेक्टर को भी प्रॉपर्टी विवाद पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं होगा।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सोमवार को इस मामले में अंतरिम राहत पर फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई को फैसला सुरक्षित रखा था। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि कानून के संपूर्ण प्रावधानों पर रोक लगाने का कोई आधार नहीं है, लेकिन कुछ धाराओं पर अंतरिम संरक्षण आवश्यक है।