क्या सूरत में मां उमिया की भव्य महाआरती ने भक्ति और देशभक्ति का अनूठा संगम प्रस्तुत किया?

सारांश
Key Takeaways
- महाआरती का आयोजन भक्ति और देशभक्ति का संगम है।
- यह आयोजन भारतीय सेना के प्रति सम्मान दर्शाता है।
- सोशल मीडिया के माध्यम से इसे लाइव देखा जा सकता है।
सूरत, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के सूरत में उमिया धाम में इस वर्ष भी मां उमिया की भव्य महाआरती का आयोजन किया गया, जिसने भक्ति और देशभक्ति का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया। इस बार महाआरती को विशेष रूप से 'ऑपरेशन सिंदूर' और भारतीय सेना के नाम समर्पित किया गया।
यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि समाज और देश के लिए समर्पण का प्रतीक है। महाआरती में आस्था और राष्ट्रप्रेम साथ-साथ देखने को मिला, जिससे यह आयोजन केवल धार्मिक न रहकर देश के प्रति समर्पण का प्रतीक बन गया।
इस आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। मंगलवार को करीब 20 हजार से अधिक भक्तों ने एक साथ मां उमिया की आरती कर अपनी मनोकामनाएं मांगीं। पूरा मंदिर परिसर 'जय माता दी' के जयकारों से गूंज उठा और हजारों दीपों की रोशनी से वातावरण भक्ति भाव से भर गया।
गुजरात में मां उमिया को पाटीदार समाज की कुलदेवी माना जाता है। इस अवसर पर पुरानी परंपरा का निर्वाह करते हुए, बड़ी संख्या में महिलाएं मटकी लेकर गरबा करती हुई नजर आईं। यह मटकी उन महिलाओं द्वारा लाई जाती है, जिनकी मनौती पूरी हो चुकी होती है।
आयोजक विवेक पटेल ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए बताया कि 32 साल से मां उमिया की भव्य महाआरती हो रही है। महाआरती का विशेष महत्व होने की वजह से दिव्य और भव्य आयोजन होता है। खास बात यह है कि यहां पर विशेष गरबा भी होता है।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस बार की महाआरती को भारत के वीर सैनिकों के नाम समर्पित किया गया है। इसके साथ ही हम लोग आत्मनिर्भर भारत का भी संकल्प ले रहे हैं।
श्रद्धालुओं ने बताया कि पूरे विश्व में कोई भी कहीं से भी इसको देख सकता है। इसे सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव दिखाया जाता है। ये आरती सबसे अलग होती है इसलिए यहां हर साल भीड़ बढ़ती रहती है।