क्या अर्जुन मुंडा ने सूर्या हांसदा के मुठभेड़ के पुलिसिया दावे को झूठ बताया?

Click to start listening
क्या अर्जुन मुंडा ने सूर्या हांसदा के मुठभेड़ के पुलिसिया दावे को झूठ बताया?

सारांश

गोड्डा में सूर्या हांसदा की मुठभेड़ पर अर्जुन मुंडा ने उठाए सवाल, सीबीआई जांच की मांग। क्या यह पुलिस की साजिश है? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • अर्जुन मुंडा ने सूर्या हांसदा के मुठभेड़ पर सवाल उठाए।
  • सीबीआई जांच की मांग की गई है।
  • गोड्डा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
  • सूर्या हांसदा को समाजिक कार्यों के लिए जाना जाता था।
  • भाजपा इस मामले पर बड़ा आंदोलन करने की योजना बना रही है।

गोड्डा, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा ने गोड्डा के निवासी सूर्या हांसदा के संदिग्ध पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।

मुंडा ने रविवार को भाजपा की एक सात सदस्यीय टीम के साथ सूर्या हांसदा के गांव डकैता का दौरा किया और उनके परिजनों से मिलकर घटना की जानकारी प्राप्त की।

मीडिया से बातचीत करते हुए अर्जुन मुंडा ने बताया कि 10 अगस्त को सूर्या हांसदा को गिरफ्तार किया गया और 11 अगस्त को पुलिस ने उन पर मुठभेड़ में मारे जाने का आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना कोर्ट वारंट और उचित प्रक्रिया के सूर्या को गिरफ्तार किया और उसे एनकाउंटर में मार दिया। यह पूरा मामला गोड्डा पुलिस की गहरी साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है।

गोड्डा पुलिस ने 11 अगस्त को बोआरीजोर थाना क्षेत्र के धमनी पहाड़ के पास सूर्या हांसदा के मारे जाने का दावा किया था।

पुलिस के अनुसार, सूर्या पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे और वह फरार चल रहा था। गिरफ्तारी के समय उनके साथियों ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की, जिससे मुठभेड़ हुई और सूर्या मारा गया।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार और स्थानीय लोगों से बातचीत के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सूर्या हांसदा के मुठभेड़ में मारे जाने की पुलिस की कहानी में कई झोल हैं।

उन्होंने कहा कि सूर्या पर कुल 25 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें से 14 फर्जी मामलों में अदालत से मुक्त हो चुके थे। अधिकांश मामलों में उन पर पुलिस ने झूठे केस लगाए।

मुंडा ने सूर्या हांसदा को एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार व्यक्ति बताया, जिन्होंने गरीब और असहाय बच्चों के लिए स्कूल खोला था और लगभग 350 बच्चों को पढ़ाते थे। सूर्या हांसदा ने बोरियो विधानसभा क्षेत्र से भाजपा, झारखंड विकास मोर्चा और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के टिकट पर चुनाव लड़ा था।

सूर्या हांसदा के परिजनों से मिलने गांव पहुंची भाजपा की टीम में पूर्व मंत्री अमर बाउरी, पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही, रणधीर सिंह, दुमका के पूर्व सांसद सुनील सोरेन, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक अमित मंडल तथा अनिता सोरेन शामिल थे।

प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पार्टी इस मामले पर बड़ा आंदोलन करेगी और न्याय सुनिश्चित कराने तक पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने सूर्या हांसदा का शव कब्र से निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम कराने की भी मांग की।

Point of View

हमें इस पूरे मामले की गहराई में जाने को मजबूर करता है। यह महत्वपूर्ण है कि न्याय प्रणाली में विश्वास बना रहे और सच्चाई को सामने लाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
NationPress
17/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या सूर्या हांसदा का मुठभेड़ सही था?
इस मुठभेड़ पर उठाए गए सवालों के कारण इसे सही ठहराना मुश्किल है। अर्जुन मुंडा ने इसे एक साजिश माना है।
क्या सीबीआई जांच की मांग उचित है?
हां, जब मामले में संदेह हो, तो सीबीआई जांच मांगना उचित है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
सूर्या हांसदा के खिलाफ कितने मामले थे?
सूर्या पर कुल 25 आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें से कई फर्जी पाए गए।