क्या स्वदेशी उत्पादों का मार्केट बढ़ेगा, त्योहारों में मिलेगी राहत? : डॉ. अरुण चतुर्वेदी

सारांश
Key Takeaways
- स्वदेशी उत्पादों को अपनाना जरूरी है।
- आर्थिक सुधारों से आमदनी में सुधार होगा।
- स्थानीय उद्योगों को नई ताकत मिलेगी।
- 'वन नेशन, वन टैक्स' का सपना साकार हो रहा है।
- जीएसटी सुधारों का लाभ मध्यम वर्ग को मिलेगा।
जयपुर, २१ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश को दिए गए 'नेक्स्ट जेन जीएसटी' संबोधन पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे आर्थिक सुधारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।
डॉ. चतुर्वेदी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जीएसटी में किए गए नए सुधारों से न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि हर भारतीय की आमदनी और खर्च की क्षमता पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री की उस अपील का भी समर्थन किया, जिसमें 'भारत में बने प्रोडक्ट (मेक इन इंडिया)' को अपनाने की बात कही गई।
डॉ. चतुर्वेदी ने कहा, "अगर हम भारतीय चीजें खरीदें और हर वस्तु को भारत में ही बनाएं तो हम न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि भारत की आर्थिक शक्ति को भी वैश्विक स्तर पर स्थापित कर पाएंगे।" उन्होंने यह भी कहा कि इन सुधारों के चलते देश में स्वदेशी उत्पादों का बाजार तेजी से बढ़ेगा और स्थानीय उद्योगों को नई ताकत मिलेगी। राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जीएसटी सुधारों का सबसे बड़ा लाभ आम और मध्यमवर्गीय लोगों को मिलेगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार शाम ५ बजे 'नेक्स्ट जेन जीएसटी' पर देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "जब आपने हमें २०१४ में सेवा का अवसर दिया तो हमने जनहित में, देशहित में जीएसटी को प्राथमिकता दी। हमने हर स्टेक होल्डर से चर्चा की, हमने हर राज्य की हर शंका का निवारण किया और हमने हर सवाल का समाधान खोजा।"
पीएम मोदी ने कहा कि सभी राज्यों और सबको साथ लेकर आजाद भारत का इतना बड़ा टैक्स रिफॉर्म्स संभव हो पाया। यह केंद्र और राज्यों के प्रयासों का नतीजा था कि आज देश दर्जनों टैक्स से मुक्त हुआ। 'वन नेशन, वन टैक्स' का सपना साकार हुआ।