क्या सांसद स्वाति मालीवाल पंजाब में बाढ़ राहत के लिए अपनी एक महीने की सैलरी दान करेंगी?

सारांश
Key Takeaways
- स्वाति मालीवाल ने बाढ़ राहत के लिए 1 महीने की सैलरी दान करने का निर्णय लिया।
- उन्होंने अन्य लोगों से भी मदद मांगी है।
- पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर है।
- दिल्ली सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है।
नई दिल्ली, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने बुधवार को यह घोषणा की कि वे पंजाब में बाढ़ राहत कार्य के लिए अपनी एक महीने की सैलरी पंजाब रिलीफ फंड में दान करेंगी। उन्होंने पंजाब में बाढ़ की गंभीर स्थिति का जिक्र करते हुए अन्य लोगों से भी दान देने की अपील की।
स्वाति मालीवाल ने दिल्ली के यमुना बाजार का दौरा किया और उत्तर भारत में बाढ़ की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की, विशेष रूप से पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली का उल्लेख किया। उन्होंने बाढ़ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उन लोगों की सराहना की जो टेंट लगाकर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था कर रहे हैं।
उनसे बातचीत में, उन्होंने पंजाब में स्थिति को बहुत खराब बताते हुए अपनी सैलरी दान करने की घोषणा की और दूसरों से भी दान की अपील की।
दिल्ली में बाढ़ की स्थिति और चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जिक्र करते हुए, उन्होंने लोगों से सरकार के प्रयासों में सहयोग करने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की।
स्वाति मालीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है, लेकिन कुछ लोग अभी भी रेस्क्यू नहीं हुए हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि जहां सरकार व्यवस्था कर रही है, वहां जाएं।
उन्होंने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब को एटीएम के तौर पर इस्तेमाल करना बंद कर देना चाहिए।
एक पोस्ट में, स्वाति मालीवाल ने आप संयोजक अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि पंजाब के प्राइवेट जेट का इस्तेमाल अपने निजी मनोरंजन के लिए बंद कर दीजिए। राज्य के करोड़ों रुपये आपकी विलासिता पर पहले ही बर्बाद हो चुके हैं। पंजाब सरकार आपके पालतू गुंडे बिभव कुमार के वेतन, भत्ते और जेड प्लस सुरक्षा पर लाखों रुपये खर्च कर रही है। सोचिए, उसके जैसा कोई व्यक्ति पंजाब के मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार क्यों है। यह बेहद शर्मनाक है। पंजाब आपका एटीएम नहीं है, न ही आपके नकारे नेताओं का शरणस्थल। छोटे-मोटे उद्घाटन के लिए आप और आपके प्रतिनिधि पंजाब के राजाओं की तरह घूमते हैं। लेकिन आज, जब इतनी बड़ी आपदा आई है, आप कहां हैं? आप लोगों के साथ जमीन पर क्यों नहीं हैं?