क्या तहव्वुर राणा को अपने परिवार से बात करने की इजाजत मिली?

सारांश
Key Takeaways
- तहव्वुर राणा को निजी वकील नियुक्त करने की अनुमति मिली।
- कोर्ट ने उसे परिवार से बात करने की इजाजत दी।
- तहव्वुर राणा २६/११ आतंकी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता है।
- एनआईए ने राणा के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया।
- यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित है।
नई दिल्ली, ७ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। २६/११ मुंबई आतंकी हमले के आरोपी और साजिशकर्ता तहव्वुर राणा को अपने कानूनी मामले की पैरवी के लिए एक निजी वकील नियुक्त करने की अनुमति मिल गई है। इसके लिए उसे अपने परिवार से बात करने का अधिकार दिया गया है।
यह निर्णय पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनाया है। तहव्वुर राणा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उसने अपने किसी परिवार के सदस्य से बातचीत करने की अनुमति मांगी थी, ताकि वह अपने मुकदमे के लिए एक प्राइवेट वकील नियुक्त कर सके।
कोर्ट ने उसकी याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि उसे एक बार अपने परिवार के सदस्य से बातचीत करने की अनुमति दी जाती है ताकि वह कानूनी सलाह प्राप्त कर सके और वकील की नियुक्ति कर सके।
तहव्वुर राणा, जो अमेरिका और पाकिस्तान की नागरिकता रखता है, २६ नवंबर २००८ को मुंबई में हुए आतंकी हमलों का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है। इस हमले में १६६ लोगों की जान गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में एनआईए स्पेशल कोर्ट ने २५ जुलाई को तहव्वुर राणा की याचिका पर सुनवाई की थी। अदालत ने एनआईए से जवाब माँगा था। २६/११ मामले के आरोपी तहव्वुर राणा ने अदालत में अपने परिवार से फोन पर नियमित बातचीत करने की अनुमति की याचिका दायर की थी।
पटियाला हाउस की एनआईए कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एनआईए से विस्तृत जवाब मांगा था। दिल्ली की अदालत ने तहव्वुर राणा की न्यायिक हिरासत को १३ अगस्त तक बढ़ा दिया था।
एनआईए द्वारा राणा के खिलाफ एक पूरक आरोपपत्र दाखिल करने के बाद न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई। इस आरोपपत्र में राणा का गिरफ्तारी ज्ञापन, जब्ती ज्ञापन और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल थे। राणा के खिलाफ पहला आरोपपत्र २०१२ में दायर किया गया था।
वहीं, तहव्वुर राणा ने मुंबई अपराध शाखा के सामने कुछ अहम खुलासे किए थे। उसने कहा कि वह पाकिस्तानी सेना का एक भरोसेमंद एजेंट था और २००८ के हमलों के दौरान मुंबई में मौजूद था।