क्या ताइवान को लेकर मौजूदा नेतृत्व का बयान चौंकाने वाला है? चीन सख्ती से देगा जवाब: चीनी विदेश मंत्री
सारांश
Key Takeaways
- ताइवान पर चीन और जापान के बीच तनाव बढ़ रहा है।
- चीनी विदेश मंत्री ने जापान की प्रधानमंत्री की टिप्पणियों को चौंकाने वाला बताया।
- जापान ने सैन्य हस्तक्षेप की संभावना जताई है।
- चीन ने अपनी संप्रभुता की रक्षा का संकल्प लिया है।
- ताइवान की सरकार ने बीजिंग के दावों को खारिज किया है।
बीजिंग, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने पहली बार जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची की टिप्पणी पर स्पष्ट ऐतराज जताया है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ताइवान को लेकर टोक्यो के साथ अपने विवाद पर खुलकर अपनी राय रखी। उन्होंने प्रधानमंत्री ताकाइची की टिप्पणियों को 'चौंकाने वाला' कहा।
वांग का यह बयान रविवार को उनके मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ। उन्होंने कहा, 'एक मौजूदा जापानी नेता का यह खुलकर गलत संकेत देना चौंकाने वाला है,' और यह मुद्दा 'एक रेड लाइन है जिसे नहीं छूना चाहिए था।'
वांग ने जापान से अनुरोध किया है कि वह गलत दिशा में आगे बढ़ने के बजाय जल्दी ही अपनी गलतियों पर विचार करे और उन्हें सुधारें।
उनके अनुसार, 'चीन को सख्ती से जवाब देना चाहिए - केवल अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि उन कठिनाइयों के लिए भी जो हमने युद्ध के बाद सहन की हैं।'
वास्तव में, 7 नवंबर को पीएम ताकाइची ने संसद में कहा था कि चीन के ताइवान पर संभावित हमले की स्थिति में जापान भी सैन्य हस्तक्षेप कर सकता है। उनका मानना है कि चीन का 'ताइवान पर ताकत का प्रयोग' जापान के लिए 'अस्तित्व के लिए खतरा' उत्पन्न कर सकता है।
ताकाइची की इस टिप्पणी के बाद से चीन काफी आक्रामक हो गया है। जापानी राजदूत ने इस बीच चीन का दौरा किया और टिप्पणी का संदर्भ स्पष्ट करने का प्रयास किया लेकिन बीजिंग अपनी मांग पर अडिग है।
इसी मुद्दे पर चीन ने 21 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के सामने अपनी बात रखी और अपना बचाव करने का संकल्प जताया। इस खत में लगाए गए आरोपों को जापान ने पूरी तरह से निराधार बताया है।
फिलहाल, वांग के बयान का जापान की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। बीजिंग लोकतांत्रिक तरीके से चलने वाले ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसने उस पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए बल प्रयोग से इनकार नहीं किया है। ताइवान की सरकार बीजिंग के दावों को खारिज करती है और कहती है कि केवल आइलैंड के लोग ही अपने भविष्य का निर्धारण कर सकते हैं।