क्या डीएमके को एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन का डर सता रहा है?

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क्या डीएमके को एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन का डर सता रहा है?

सारांश

चेन्नई में एआईएडीएमके प्रवक्ता निर्मला पेरियासामी ने डीएमके और एमके स्टालिन पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि डीएमके आगामी चुनावों को लेकर चिंतित है और एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन से डरती है। क्या यह गठबंधन वास्तव में तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव ला सकता है?

Key Takeaways

  • डीएमके को एआईएडीएमके और भाजपा के गठबंधन का डर है।
  • मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की रणनीति को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
  • बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर डीएमके ने कदम नहीं उठाए हैं।
  • आगामी चुनावों में जनता डीएमके को सबक सिखा सकती है।
  • राज्य की राजनीति में यह गठबंधन महत्वपूर्ण हो सकता है।

चेन्नई, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की प्रवक्ता निर्मला पेरियासामी ने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर तीखा हमला बोला है।

उन्होंने कहा कि डीएमके को एआईएडीएमके और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन का डर सता रहा है।

निर्मला ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर डीएमके की घबराहट साफ झलक रही है और इसी वजह से मुख्यमंत्री बार-बार एआईएडीएमके के प्रति अपनी दुश्मनी जाहिर कर रहे हैं। डीएमके और उनकी सरकार नहीं चाहती कि एआईएडीएमके का भाजपा के साथ कोई रिश्ता हो। उन्हें इस गठबंधन का डर है, क्योंकि यह तमिलनाडु की जनता के बीच एक मजबूत विकल्प बन सकता है।

उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके की यह रणनीति केवल राजनीतिक लाभ के लिए है और मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए एआईएडीएमके पर हमला कर रहे हैं।

उन्होंने डीएमके सरकार के प्रदर्शन पर भी सवाल उठाए और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की कार्यशैली की तुलना उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि से की।

निर्मला ने तंज कसते हुए कहा, "यह स्टालिन की पुरानी शैली है, जो उनके पिता के जमाने से चली आ रही है। डीएमके ने अपने चुनावी घोषणापत्र में 521 वादे किए थे, लेकिन 21 भी पूरे नहीं हुए। फिर भी मुख्यमंत्री ऐसे बोल रहे हैं जैसे उन्होंने 90 प्रतिशत वादे पूरे कर दिए हों।"

एआईएडीएमके प्रवक्ता ने डीएमके सरकार पर जनता के मुद्दों को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में बेरोजगारी, महंगाई और बुनियादी ढांचे की कमी जैसे मुद्दों पर सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इसके बजाय, डीएमके केवल विपक्षी दलों पर कीचड़ उछालने में व्यस्त है।

उन्होंने दावा किया कि एआईएडीएमके जनता के हितों के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है और आगामी चुनावों में जनता डीएमके को सबक सिखाएगी। एआईएडीएमके और भाजपा के बीच गठबंधन की संभावना पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन डीएमके का डर दर्शाता है कि वे इस संभावना को गंभीरता से ले रहे हैं। हमारी पार्टी तमिलनाडु की जनता के लिए एक मजबूत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

Point of View

विपक्ष के डर या चिंता से ज्यादा महत्वपूर्ण है जनता की आवाज़। डीएमके और एआईएडीएमके के बीच का यह संघर्ष राज्य की राजनीति को प्रभावित कर सकता है, लेकिन अंततः जनता को निर्णय लेना है। यह चुनावी दौर राजनीतिक दलों के लिए एक परीक्षा है।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

निर्मला पेरियासामी ने किस पर हमला किया?
निर्मला पेरियासामी ने डीएमके और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर तीखा हमला किया।
डीएमके को किस चीज़ का डर है?
डीएमके को एआईएडीएमके और भाजपा गठबंधन का डर सता रहा है।
निर्मला पेरियासामी ने क्या आरोप लगाए?
उन्होंने आरोप लगाया कि डीएमके की रणनीति राजनीतिक लाभ के लिए है और मुख्यमंत्री अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए एआईएडीएमके पर हमला कर रहे हैं।
डीएमके सरकार का प्रदर्शन कैसा है?
निर्मला ने डीएमके सरकार के प्रदर्शन पर सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने जनता के मुद्दों को नजरअंदाज किया है।
क्या एआईएडीएमके और भाजपा के बीच गठबंधन की संभावना है?
गठबंधन की संभावना पर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन यह चिंता जताई जा रही है।