क्या तवांग मैराथन 3.0 ने धावकों को बादलों के ऊपर दौड़ने का अनुभव दिया?

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क्या तवांग मैराथन 3.0 ने धावकों को बादलों के ऊपर दौड़ने का अनुभव दिया?

सारांश

तवांग मैराथन 3.0 का आयोजन ६,२०० धावकों के साथ हुआ, जिसमें साहस और सामूहिकता का अद्भुत प्रदर्शन देखने को मिला। यह आयोजन स्वास्थ्य और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने का एक शानदार उदाहरण था। जानें इस अद्भुत समारोह के बारे में!

Key Takeaways

  • तवांग मैराथन 3.0 में ६,२०० धावकों ने भाग लिया।
  • यह आयोजन सामूहिकता और स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
  • धावकों ने बादलों के ऊपर दौड़ने का अनुभव किया।
  • तवांग मठ एशिया का सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा मठ है।
  • इस आयोजन ने साहस और धैर्य का अद्भुत प्रदर्शन किया।

तवांग, २४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भव्य तवांग मठ और पूर्वी हिमालय की शांत, बादलों से ढकी घाटियों की मनमोहक पृष्ठभूमि के बीच शुक्रवार को पूरे जोश और उत्साह के साथ तवांग मैराथन 3.0 का आयोजन किया गया। समुद्र तल से लगभग १० हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित तवांग एक बार फिर से सहनशीलता, एकता और सांस्कृतिक गर्व का उत्सव बन गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ गजराज कोर के कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह ने झंडी दिखाकर किया। उन्होंने प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन फिटनेस, साहसिकता और राष्ट्रीय एकता को हिमालयी सीमांत क्षेत्रों में बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाते हैं।

तवांग, पश्चिमी अरुणाचल प्रदेश में स्थित है। यह उत्तर में तिब्बत और दक्षिण-पश्चिम में भूटान की सीमाओं से घिरा हुआ है। इसका नाम तवांग, 'त' अर्थात् 'घोड़ा' और 'वांग' अर्थात् 'चुना गया' से बना है, जो इस अनुश्रुति पर आधारित है कि मठ के लिए स्थान कैसे तय किया गया था। तवांग मठ, तवांग शहर से लगभग २ किमी की दूरी पर स्थित है। यह एशिया का सबसे पुराना और दूसरा सबसे बड़ा मठ है।

इस वर्ष की मैराथन में चार श्रेणियां शामिल थीं, जिसमें ४२ किमी (पूर्ण मैराथन), २१ किमी (हाफ मैराथन), १० किमी और ५ किमी दौड़ हुई। इन प्रतियोगिताओं में सभी स्तरों के धावकों ने हिस्सा लिया। आयोजन में १,२०० महिलाओं और लड़कियों और केन्या के तीन अंतर्राष्ट्रीय धावकों समेत कुल ६,२०० से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।

धावकों ने 'बादलों के ऊपर दौड़ने' का रोमांच महसूस किया। वे बर्फ से ढके पर्वतों, लहराते ध्वजों और एशिया के सबसे बड़े व सबसे प्रतिष्ठित बौद्ध मठ तवांग मठ की भव्यता से घिरे रास्तों से होकर गुजरे। कठिन पहाड़ी रास्तों और ऊंचाई की चुनौती के बावजूद प्रतिभागियों ने अदम्य साहस, धैर्य और दृढ़ता का परिचय दिया।

तवांग मैराथन 3.0 एक असली कम्युनिटी सेलिब्रेशन था, जिसमें नागरिकों, भारतीय सेना, एसएसबी, आईटीबीपी, छात्रों, स्थानीय निवासियों और सिविल प्रशासन की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। इन सभी ने मिलकर इस आयोजन को स्वास्थ्य, सद्भाव और हिमालयी भावना का त्योहार बनाया।

तवांग मैराथन 3.0 ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि हौसला, उत्साह और समर्पण के साथ कोई भी चुनौती असंभव नहीं होती, चाहे वह पहाड़ों की ऊंचाई हो या जीवन की कठिनाइयाँ।

Point of View

बल्कि यह सामूहिकता और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी बना। यह आयोजन देश की एकता और साहस का प्रतीक है, और हमें ऐसे आयोजनों को हमेशा समर्थन देना चाहिए।
NationPress
24/10/2025

Frequently Asked Questions

तवांग मैराथन 3.0 का आयोजन कब हुआ?
तवांग मैराथन 3.0 का आयोजन २४ अक्टूबर २०२३ को हुआ।
इस मैराथन में कितने धावकों ने भाग लिया?
इस मैराथन में कुल ६,२०० से अधिक धावकों ने भाग लिया।
तवांग मैराथन 3.0 की ऊँचाई क्या है?
तवांग समुद्र तल से लगभग १०,००० फीट की ऊँचाई पर स्थित है।
तवांग मठ कहाँ स्थित है?
तवांग मठ तवांग शहर से लगभग २ किमी की दूरी पर स्थित है।
कौन से श्रेणियाँ इस मैराथन में शामिल थीं?
इस मैराथन में ४२ किमी, २१ किमी, १० किमी और ५ किमी की दौड़ शामिल थीं।