क्या तेजस्वी यादव बिहार के नायक बनेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव को 'बिहार का नायक' के रूप में पेश किया गया है।
- महागठबंधन ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया है।
- बिहार विधानसभा चुनाव ६ और ११ नवंबर को होंगे।
- राजद का यह कदम चुनावी माहौल में बदलाव ला सकता है।
- एनडीए ने महागठबंधन के दावों का खंडन किया है।
पटना, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पटना स्थित केंद्रीय कार्यालय के बाहर एक विशाल पोस्टर लगाया गया है, जिसमें पार्टी के नेता तेजस्वी यादव को 'बिहार का नायक' के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
इस पोस्टर पर तेजस्वी की प्रमुख तस्वीर के साथ लिखा हुआ नारा "बिहार का नायक" चुनावी माहौल को एक नई दिशा दे रहा है। यह पोस्टर महागठबंधन द्वारा तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने के बाद लगाया गया है, जो विपक्षी दलों के बीच एकजुटता का संदेश संप्रेषित कर रहा है।
राजद कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह पोस्टर जल्द ही पूरे बिहार में घर-घर और गांव-गांव तक पहुंचेगा, ताकि जनता को २० साल पुरानी 'खटारा सरकार' से मुक्ति दिलाने का संदेश दिया जा सके। तेजस्वी यादव ने हाल ही में एक रैली में कहा था कि "मैं बिहार का बेटा हूँ। अब वक्त आ गया है कि २० साल से चली आ रही खटारा सरकार को बिहार की जनता विदाई दे।"
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग ६ और ११ नवंबर को होगी। महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
राजद की 'पोस्टर पॉलिटिक्स' कोई नई बात नहीं है। नए साल पर लालू प्रसाद यादव के घर के सामने लगे पोस्टरों में भी "अबकी बार तेजस्वी यादव की सरकार" का नारा दिया गया था। महागठबंधन की ओर से जहां तेजस्वी यादव सीएम का चेहरा हैं, वहीं डिप्टी सीएम के लिए मुकेश सहनी को चेहरा बनाया गया है।
महागठबंधन का दावा है कि बिहार में अगली सरकार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बनेगी और बिहार को खटारा सरकार से मुक्ति मिलेगी।
वहीं, महागठबंधन के दावों पर एनडीए में शामिल दलों के नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा है कि सत्ता में वापसी का सपना देखने वालों के सपने टूट कर बिखर जाएंगे। बिहार की जनता मोदी-नीतीश की जोड़ी और बिहार में हुए विकास कार्यों के दम पर वोट करेगी। बिहार की जनता को विकास पसंद है, कभी बिहार में जंगलराज की वापसी नहीं होगी।