क्या तेजस्वी यादव मानसिक रूप से बीमार हैं? इलाज कराना चाहिए : शंभू शरण पटेल

Key Takeaways
- तेजस्वी यादव के बयान ने सियासी हलचल पैदा की है।
- शंभू शरण पटेल ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पीएम मोदी ने सिवान में बड़ी रैली की।
- बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव पर असर डालने वाला मुद्दा।
- राजनीतिक बयानों में मनोरंजन और हकीकत का मिश्रण।
नई दिल्ली, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। पीएम मोदी के सिवान दौरे को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के 100 करोड़ खर्च करने वाले बयान से सियासत गरमा गई है। भाजपा सांसद शंभू शरण पटेल ने तेजस्वी के बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे गलत करार दिया है।
शंभू शरण पटेल ने शनिवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि तेजस्वी यादव मानसिक रूप से बीमार हैं और उन्हें इलाज की सख्त जरूरत है। मेरी राय है कि उन्हें एक अच्छे मनोचिकित्सक से मिलकर अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिए। बिहार के सिवान में पीएम मोदी की रैली में उमड़ी भीड़ से तेजस्वी यादव घबरा गए हैं। पीएम मोदी को बिहार के लोगों से मिल रहे प्रेम ने उन्हें 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार की भावना दिला दी है। अब जब हार का डर है, तो वह हताशा में पीएम मोदी के खिलाफ कुछ भी बयान दे देते हैं। तेजस्वी यादव का यह घटिया बयान पूरा बिहार देख रहा है और इसका जवाब जनता विधानसभा चुनाव में अपने वोट से देगी।
पटना की सड़कों पर चल रहे पोस्टर वॉर पर उन्होंने कहा कि भाजपा कभी पोस्टर लगाकर युद्ध नहीं करती है। लेकिन, चारा घोटाला और रेलवे घोटाले के बारे में तो पूरी दुनिया जानती है। घोटाले में तेजस्वी यादव के परिवार के सदस्य बेल पर हैं।
ज्ञात हो कि बिहार के सिवान में शुक्रवार को पीएम मोदी की जनसभा थी। इस जनसभा में पीएम मोदी को सुनने के लिए लोगों का सैलाब उमड़ा था। पीएम मोदी ने भी लोगों को इतनी तादाद में आने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने इस दौरान राजद और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और उस घटनाक्रम का जिक्र किया जब लालू प्रसाद यादव पर संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के अपमान का आरोप लगा था। पीएम मोदी ने प्रदेश में नीतीश कुमार के नेतृत्व में हो रहे कार्यों की सराहना की।
वहीं, दूसरी ओर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि पीएम मोदी के भाषण में कोई नया कंटेंट नहीं था, वही पुरानी बातें दोहराई गईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रैली में भीड़ जुटाने के लिए प्रशासन को लगाया गया और जबरदस्ती भीड़ बुलाई गई। ऐसा तमाशा 2005 से पहले नहीं होता था।