क्या एनडीए विधानसभा में एसआईआर पर चर्चा करने से बच रही है? : तेजस्वी यादव (आईएएनएस विशेष)

सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर पर चर्चा की अनुमति मिली थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया।
- तेजस्वी यादव ने भाजपा और चुनाव आयोग के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया।
- लोकतंत्र को बचाने के लिए तेजस्वी का संघर्ष जारी है।
पटना, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर तीसरे दिन भी विपक्ष ने हंगामा किया। विधानसभा के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि एनडीए इस मुद्दे पर चर्चा करने से कतराती है।
तेजस्वी यादव ने बताया कि एनडीए चर्चा से दूर भाग रही है। बिहार लोकतंत्र की जननी है और इसे समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। एसआईआर पर चर्चा करने की अनुमति मिली थी, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीच में ही हस्तक्षेप किया। इस दौरान ऐसा लगा कि मुख्यमंत्री को इस विषय की जानकारी नहीं थी और वह विषय से भटक गए थे।
स्पीकर ने हमें फिर से बोलने का समय दिया, लेकिन नीतीश कुमार की सरकार के मंत्रियों ने मेरी बात को आगे बढ़ने नहीं दिया। ये एनडीए की बैठक में एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर लड़ चुके हैं। इस प्रकार एनडीए नहीं चाहती कि एसआईआर पर विधानसभा में चर्चा हो।
तेजस्वी ने भाजपा और चुनाव आयोग के बीच सांठगांठ की बात भी की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है। बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान की शुरुआत पर सवाल उठना स्वाभाविक है। चुनाव आयोग गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है, जिससे जनता में कई संदेह उत्पन्न हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारों पर काम कर रहा है। पहले वोटर सरकार चुनती थी, लेकिन अब सरकार वोटर चुन रही है। भाजपा लोकतंत्र को समाप्त करने की कोशिश कर रही है और हमें इसे बचाने के लिए लड़ना है।