क्या तेजस्वी यादव के आरोपों पर निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण सही है?

Click to start listening
क्या तेजस्वी यादव के आरोपों पर निर्वाचन आयोग का स्पष्टीकरण सही है?

सारांश

भारतीय निर्वाचन आयोग ने तेजस्वी यादव द्वारा दरभंगा में लगाए गए आरोपों को खारिज किया। उन्होंने भाजपा की महिला जिला अध्यक्ष पर मतदाता सूची में हस्तक्षेप का आरोप लगाया था। आयोग ने सभी दावों को निराधार बताया। जानें इस विवाद की पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • निर्वाचन आयोग ने तेजस्वी यादव के आरोपों को खारिज किया।
  • वीडियो में किए गए दावे निराधार पाए गए।
  • कविता कुमारी ने केवल दस्तावेज जमा किए थे।
  • जमाल हसन और कविता कुमारी के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है।
  • निर्वाचन आयोग ने अपनी निष्पक्षता को बनाए रखा है।

पटना, १७ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय निर्वाचन आयोग ने दरभंगा से संबंधित एक वीडियो पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा किए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। तेजस्वी यादव ने एक वीडियो साझा किया था जिसमें उन्होंने भाजपा की महिला जिला अध्यक्ष पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।

इस वीडियो में भाजपा की महिला नेता कविता कुमारी उर्फ सपना भारती को एक मतदान केंद्र पर देखा गया, जहाँ एसआईआर का कार्य चल रहा था। वीडियो के निर्माता राजनीतिक कार्यकर्ता जमाल हसन ने आरोप लगाया कि कविता कुमारी मतदाता सूची में हेरफेर करने का प्रयास कर रही थीं। उनका कहना था कि बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) मतदाताओं के घर नहीं जा रहे थे, बल्कि लोगों को दूसरी जगह बुलाया जा रहा था और भाजपा की नेता वोटर्स को परेशान कर रही थीं।

उन्होंने सवाल उठाया, "चुनाव आयोग किस निष्पक्षता की बात करता है? क्या इस घटना के बाद माना जाए कि चुनाव आयोग सही तरीके से कार्य कर रहा है?" जमाल हसन ने चुनाव आयोग पर हर तरह से शक जताया।

इस वीडियो को कांग्रेस और राजद के अन्य नेताओं ने भी सोशल मीडिया पर साझा किया, जिससे निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगे।

हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि वीडियो में किए गए दावे निराधार और भ्रामक हैं।

बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा कराई गई जांच में यह पाया गया कि कविता कुमारी मतदान केंद्र पर अपने और अपने परिवार के सदस्यों का गणना प्रपत्र और आवश्यक दस्तावेज जमा कराने गई थीं। वे केवल अपना फॉर्म भर रही थीं और कोई अनियमितता नहीं पाई गई।

चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि कविता कुमारी और वीडियो बनाने वाले जमाल हसन के बीच पूर्व से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है। इसी कारण जमाल हसन ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर इसे वायरल किया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि बीएलओ द्वारा कोई लापरवाही नहीं बरती गई और लगाए गए पक्षपात के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग ने अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। आरोपों की जांच के बाद, आयोग ने तर्कसंगत रूप से स्पष्टीकरण दिया है। इस तरह के मामलों में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की भूमिका को समझना बेहद जरूरी है।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

तेजस्वी यादव ने किस पर आरोप लगाया?
तेजस्वी यादव ने भाजपा की महिला जिला अध्यक्ष पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।
निर्वाचन आयोग ने आरोपों को कैसे खारिज किया?
निर्वाचन आयोग ने कहा कि वीडियो में किए गए दावे निराधार और भ्रामक हैं।
जांच में क्या पाया गया?
जांच में यह पाया गया कि कविता कुमारी मतदान केंद्र पर अपने परिवार के सदस्यों के दस्तावेज जमा करने गई थीं और कोई अनियमितता नहीं थी।
क्या वीडियो बनाने वाले का राजनीतिक इतिहास है?
हाँ, वीडियो बनाने वाले जमाल हसन और कविता कुमारी के बीच पूर्व से राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता रही है।
क्या निर्वाचन आयोग निष्पक्ष है?
निर्वाचन आयोग ने अपनी निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए सभी आरोपों का गंभीरता से जवाब दिया है।