क्या तेलंगाना सरकार 5 लाख करोड़ रुपए की इंडस्ट्रियल जमीन बेच रही है?
सारांश
Key Takeaways
- तेलंगाना सरकार औद्योगिक भूमि बेच रही है।
- के.टी. रामा राव ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
- भूमि का उपयोग सही तरीके से होना चाहिए।
- कांग्रेस सरकार पर उठाए गए सवाल।
- जनता के हितों की रक्षा आवश्यक है।
हैदराबाद, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने फिर से स्पष्ट किया है कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार लगभग 5 लाख करोड़ रुपए की 9,300 एकड़ औद्योगिक भूमि बेचने की प्रक्रिया में है। यह आरोप उन्होंने कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम के उस 'एक्स' पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लगाया, जिसमें उन्होंने इंफोसिस द्वारा कर्नाटक के अत्तिबेले में अपनी प्रमुख भूमि को पुरवनकारा को 250 करोड़ रुपए में बेचने का उल्लेख किया था।
चिदंबरम ने लिखा था कि यदि भूमि किसी विशेष उद्देश्य के लिए रियायती दर पर दी गई थी और उसका उपयोग नहीं किया गया, तो इंफोसिस को उसे व्यावसायिक दर पर बेचने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, "भूमि और उससे प्राप्त धन राशि कर्नाटक सरकार को वापस करें।"
रामा राव ने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "तेलंगाना में कांग्रेस सरकार केवल एक टुकड़ा औद्योगिक भूमि नहीं, बल्कि लगभग 5 लाख करोड़ रुपये की 9,300 एकड़ भूमि बेच रही है।"
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीआरएस नेता ने अपने आरोप को दोहराया कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार 5 लाख करोड़ रुपए की औद्योगिक भूमि बेच रही है।
केटीआर ने लिखा, "ये प्रमुख भूमि सरकार ने विशेष उद्देश्य (रोजगार सृजन) के लिए रियायती दर पर दी थीं। हमारी मांग भी वही है। उन्हें भूमि बेचने और अपने रिश्तेदारों के लिए धन कमाने का कोई अधिकार नहीं है।"
पूर्व मंत्री ने आगे कहा, "भूमि सरकार को वापस करें और हैदराबाद और तेलंगाना के लोगों के लाभ के लिए इसका सही उपयोग करें। हमें स्कूलों, अस्पतालों, गरीबों के लिए घरों, पार्कों, बस स्टैंड और पार्किंग के लिए भूमि चाहिए।"
इस महीने की शुरुआत में, केटीआर ने आरोप लगाया था कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार हैदराबाद इंडस्ट्रियल लैंड ट्रांसफॉर्मेशन पॉलिसी के नाम पर 5 लाख करोड़ रुपए का एक बड़ा भूमि 'घोटाला' कर रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि जो भूमि कभी सरकार ने लोगों के लिए नौकरियों के सृजन के लिए उद्योगों को दी थी, अब वे प्राइवेट लोगों को दी जा रही हैं।
बीआरएस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार औद्योगिक भूमि पर अपार्टमेंट, विला और कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए दे रही है क्योंकि वह उद्योग नहीं चाहती।
केटीआर ने दावा किया कि जहां इन भूमि की बाजार कीमत एक लाख रुपए प्रति स्क्वायर यार्ड है, वहीं सरकार इन्हें प्राइवेट लोगों को केवल 4,000 रुपए में दे रही है।
उन्होंने रियल एस्टेट डेवलपर्स से अपील की कि वे सरकार के 'बिक्री प्रस्ताव' से धोखा न खाएं और चेतावनी दी कि एक बार बीआरएस सत्ता में वापस आई, तो वह इन भूमि को पुनः ले लेगी।