क्या तेलंगाना में 74,000 से अधिक लंबित आपराधिक मामलों का निपटारा किया गया?
सारांश
Key Takeaways
- 74,000 से अधिक लंबित मामलों का निपटारा हुआ।
- विशेष लोक अदालत ने आपसी सहमति को बढ़ावा दिया।
- सभी पुलिस इकाइयों ने अच्छा प्रदर्शन किया।
- इस पहल से अदालतों पर बोझ कम हुआ।
- टीएसएलएसए और पुलिस की समन्वय से सफलता प्राप्त हुई।
हैदराबाद, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना उच्च न्यायालय और तेलंगाना राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (टीएसएलएसए) द्वारा आयोजित विशेष लोक अदालत में राज्यभर में 74,000 से अधिक लंबित मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया। यह विशेष लोक अदालत मामलों के निपटारे हेतु पक्षों के बीच आपसी सहमति को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई थी।
तेलंगाना पुलिस ने सुलह योग्य मामलों की पहचान कर संबंधित पक्षों को नोटिस भेजे थे। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) चारू सिन्हा ने रविवार को बताया कि यह प्रक्रिया 27 अक्टूबर से शुरू होकर शनिवार को सम्पन्न हुई, जिसमें कुल 74,782 मामलों का निपटारा किया गया।
इनमें से 14,642 एफआईआर मामलों का सुलह के माध्यम से निपटारा हुआ। निपटाए गए मामलों में 154 आपदा प्रबंधन से जुड़े मामले, 23,400 ई-पेटी मामले, 31,189 मोटर व्हीकल एक्ट के मामले और 5,397 साइबर अपराध संबंधी मामले शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि राज्यभर की सभी पुलिस इकाइयों ने लंबित सुलह योग्य मामलों के निपटारे में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। सबसे अधिक मामलों का निपटारा करने वाली शीर्ष पांच इकाइयां हैं: हैदराबाद (11,226 मामले), रामागुंडम (8,108), नलगोंडा (6,410), खम्मम (6,090) और वारंगल (5,064)।
विशेष लोक अदालत ने जनता को आपसी सहमति से मामलों को हल करने के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान किया है, जिससे अदालतों में पेशी का बोझ घटता है, समय और धन की बचत होती है और दोनों पक्षों को मानसिक शांति मिलती है। पुलिस और विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों ने जनता को इसके लाभों के बारे में जागरूक किया।
इस पहल के माध्यम से राज्य में लंबित जांचाधीन और विचाराधीन सुलह योग्य मामलों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। एडीजी ने बताया कि इस सफलता के पीछे टीएसएलएसए, जिला न्यायाधीशों, मजिस्ट्रेटों, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, पुलिस आयुक्तों, जिला पुलिस अधीक्षकों और तेलंगाना साइबर सुरक्षा ब्यूरो के बीच बेहतरीन समन्वय रहा है।