क्या केटीआर का आरोप सही है? तेलंगाना में कांग्रेस कर रही है सार्वजनिक स्वास्थ्य की 'उपेक्षा'?

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क्या केटीआर का आरोप सही है? तेलंगाना में कांग्रेस कर रही है सार्वजनिक स्वास्थ्य की 'उपेक्षा'?

सारांश

क्या तेलंगाना में कांग्रेस सरकार सच में जन स्वास्थ्य की उपेक्षा कर रही है? केटीआर ने गंभीर आरोप लगाए हैं। जानिए इस मुद्दे पर उनका क्या कहना है और कांग्रेस के खिलाफ उनके आरोप क्या हैं।

Key Takeaways

  • तेलंगाना में स्वास्थ्य सेवाएं गंभीर स्थिति में हैं।
  • कांग्रेस सरकार पर जन स्वास्थ्य की उपेक्षा का आरोप।
  • बीआरएस ने 450 बस्ती दवाखाने स्थापित किए थे।
  • कई स्वास्थ्य केंद्रों में सामग्री की कमी है।
  • राजनीतिक आरोपों का स्वास्थ्य सेवाओं पर असर।

हैदराबाद, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने तेलंगाना की कांग्रेस सरकार पर सार्वजनिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करने का गंभीर आरोप लगाया।

उन्होंने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टाटीकोंडा राजैया, स्थानीय पार्षदों और बीआरएस नेताओं के साथ सोमवार को खैरताबाद निर्वाचन क्षेत्र के इब्राहिम नगर स्थित बस्ती दवाखाना का निरीक्षण करने के बाद मंगलवार को अपने विचार साझा किए।

केटीआर ने मरीजों से बातचीत कर स्वास्थ्य सेवा केंद्र में आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व में, पिछली बीआरएस सरकार ने गरीबों के लिए स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और किफायती बनाने के लिए पूरे तेलंगाना में 450 बस्ती दवाखाने स्थापित किए थे।

इसके साथ ही, जनता को मुफ्त चिकित्सा परीक्षण प्रदान करने के लिए तेलंगाना डायग्नोस्टिक सेंटर स्थापित किए गए और प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किया गया था, जो एक पूर्ण सरकारी अस्पताल से जुड़ा था।

बीआरएस ने चिंता व्यक्त की कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के बाद से जन स्वास्थ्य की उपेक्षा की है, जिससे कई बस्ती दवाखाने खराब स्थिति में हैं। केटीआर ने कहा, "कई बस्ती दवाखानों के कर्मचारियों को चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। इन केंद्रों में 108 प्रकार की जरूरी दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए, लेकिन सरकार पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रही है।"

उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस शासन में तेलंगाना डायग्नोस्टिक सेवाएं चरमरा गईं हैं।

उन्होंने कहा, "केसीआर के नेतृत्व में, हमने शहरी गरीबों के लिए 1,000 बिस्तरों वाले चार टीआईएमएस (तेलंगाना आयुर्विज्ञान संस्थान) अस्पताल शुरू किए और 2,000 बिस्तरों वाली एनआईएमएस विस्तार परियोजना की शुरुआत की। हमारी सरकार ने 90 प्रतिशत काम पूरा कर लिया, लेकिन इस सरकार ने बाकी 10 प्रतिशत भी पूरा नहीं किया है।"

हैदराबाद में स्वच्छता के स्तर को उन्होंने बेहद खराब मानते हुए सरकार के रवैये की आलोचना की। केटीआर ने कहा, "शहर में बुनियादी सफाई की भी अनदेखी की गई है। कई इलाकों में कचरा संग्रहण बंद हो गया है, मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और लोग वायरल बुखार से पीड़ित हैं। कांग्रेस सरकार को अपनी गहरी नींद से जागना चाहिए और तुरंत जन स्वास्थ्य और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।"

उन्होंने मांग की कि अगर राज्य सरकार सचमुच लोगों की परवाह करती है तो उसे 450 और बस्ती दवाखाने स्थापित करने चाहिए और लंबित टीआईएमएस अस्पतालों का निर्माण जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए। चेतावनी देते हुए कहा, "अन्यथा, हम जल्द ही टीआईएमएस अस्पतालों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।"

केटीआर ने घोषणा की कि तेलंगाना में बिगड़ती स्वास्थ्य स्थितियों पर एक विस्तृत रिपोर्ट जल्द ही पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजैया की देखरेख में राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। उन्होंने सरकार से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का लंबित वेतन जारी करने और वादा किए गए वेतन वृद्धि को तुरंत लागू करने का भी आग्रह किया।

केटीआर ने खैरताबाद के विधायक दानम नागेंद्र और कांग्रेस नेतृत्व पर राजनीतिक पाखंड का आरोप लगाया। केटीआर ने कहा, "दानम नागेंद्र बीआरएस के टिकट पर विधायक चुने गए थे, फिर भी उनका नाम जुबली हिल्स उपचुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में है। सभी जानते हैं कि वह किस पार्टी से जीते थे और उन्होंने कहां से दलबदल किया था।"

उन्होंने कांग्रेस पर विधायकों के दलबदल को लेकर कोई नैतिक स्पष्टता नहीं होने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी खुद भ्रमित है - उनके विधायक यह भी स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रहे हैं कि वे किस पार्टी से हैं।"

राष्ट्रीय नेतृत्व पर निशाना साधते हुए केटीआर ने कहा, "यह अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) नहीं, बल्कि 'अखिल भारतीय भ्रष्टाचार समिति' है। इस भ्रष्ट कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "जबकि कांग्रेस बेशर्मी से दावा करती है कि बीआरएस का कोई भी विधायक उनके साथ नहीं आया है, वही एआईसीसी हमारे विधायकों का नाम अपने स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल करती है। यह कांग्रेस नेतृत्व के दोहरे मानदंडों और नैतिक दिवालिएपन को दर्शाता है।"

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि किस प्रकार राजनीतिक आरोप एक राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव डाल सकते हैं। ऐसी स्थिति में हमें हमेशा तथ्य और प्रमाणों के प्रति सचेत रहना चाहिए।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

केटीआर ने कांग्रेस पर क्या आरोप लगाया है?
केटीआर ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने जन स्वास्थ्य की उपेक्षा की है और कई बस्ती दवाखाने खराब स्थिति में हैं।
तेलंगाना में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति क्या है?
केटीआर के अनुसार, तेलंगाना में स्वास्थ्य सेवाएं कमजोर हो गई हैं और कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है।
कांग्रेस ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए क्या कदम उठाए हैं?
कांग्रेस पर आरोप है कि उसने स्वास्थ्य सेवाओं को नजरअंदाज किया है, जिसके कारण स्थिति बिगड़ गई है।
क्या बीआरएस ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया था?
बीआरएस सरकार ने कई बस्ती दवाखाने और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए कई कदम उठाए थे।
इस मुद्दे पर आगे क्या हो सकता है?
केटीआर ने चेतावनी दी है कि अगर सुधार नहीं हुआ, तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे।