क्या तेलंगाना के निजी कॉलेजों की हड़ताल 3 नवंबर से शुरू होगी, 900 करोड़ बकाया जारी करने की मांग?

सारांश
Key Takeaways
- तेलंगाना के निजी कॉलेज 3 नवंबर से हड़ताल पर जाने वाले हैं।
- 900 करोड़ रुपए का बकाया जारी करने की मांग की गई है।
- सरकार ने पहले आश्वासन दिया था लेकिन बकाया कम जारी हुआ।
- छात्रों के भविष्य को खिलवाड़ कहा गया है।
- संघ ने चलो हैदराबाद प्रदर्शन की संभावना जताई है।
हैदराबाद, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के निजी व्यावसायिक कॉलेजों ने राज्य सरकार से निशुल्क प्रतिपूर्ति बकाया जारी करने की मांग को लेकर 3 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
तेलंगाना उच्च शिक्षा संघों के महासंघ (एफएटीएचआई) ने बुधवार को उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क और मुख्य सचिव रामकृष्ण राव को हड़ताल का नोटिस भेजा। उन्होंने मांग की कि सरकार 1 नवंबर से पहले कम से कम 900 करोड़ रुपए का बकाया जारी करे, अन्यथा उन्हें 3 नवंबर से कॉलेज बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
महासंघ ने पहले सरकार को बकाया जारी करने के लिए 12 अक्टूबर की समय सीमा तय की थी और 13 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने की धमकी दी थी। इंजीनियरिंग, फार्मा, नर्सिंग, एमबीए, एमसीए और बी.एड कॉलेजों सहित कॉलेजों ने 15 सितंबर को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी, लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद, उन्होंने उसी दिन हड़ताल वापस ले ली।
फथी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री विक्रमार्क, जिन्होंने उनके साथ वार्ता में मंत्रियों के समूह का नेतृत्व किया था, ने आश्वासन दिया था कि 21-22 सितंबर को निशुल्क प्रतिपूर्ति बकाया के रूप में 600 करोड़ रुपए जारी किए जाएंगे, लेकिन केवल 200 करोड़ रुपए ही जारी किए गए। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया था कि दिवाली तक 1,200 करोड़ रुपए का बकाया जारी कर दिया जाएगा।
फथी ने यह भी स्पष्ट किया था कि बकाया राशि पर आगे की बातचीत केवल मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के साथ ही होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो वे छात्रों के साथ मिलकर 'चलो हैदराबाद' विरोध प्रदर्शन करेंगे।
संघ ने पिछले महीने कहा था कि 10,000 करोड़ रुपए के शुल्क की वापसी बकाया लंबित है। उन्होंने पहले से जनरेट किए गए टोकन से संबंधित 1,200 करोड़ रुपए तुरंत जारी करने की मांग की थी।
इस बीच, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने आरोप लगाया कि सरकार बकाया शुल्क प्रतिपूर्ति राशि जारी न करके छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।
--आईएएएसएस
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