क्या तेलंगाना में दलबदल करने वाले 10 में से 9 विधायक सीएम रेवंत रेड्डी से मिले?

Click to start listening
क्या तेलंगाना में दलबदल करने वाले 10 में से 9 विधायक सीएम रेवंत रेड्डी से मिले?

सारांश

तेलंगाना की राजनीति में हलचल है। बीआरएस से कांग्रेस में शामिल हुए दस विधायकों ने सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात की। क्या यह राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • तेलंगाना के विधायकों ने सीएम रेवंत रेड्डी से मुलाकात की।
  • सुप्रीम कोर्ट का आदेश विधायकों की सदस्यता पर है।
  • राजनीतिक रणनीति पर चर्चा हुई।
  • विधायकों का दावा है कि वे अब भी बीआरएस के सदस्य हैं।
  • मुख्य विपक्षी दल ने स्पीकर से कार्रवाई की मांग की है।

हैदराबाद, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना की राजनीति में पिछले वर्ष बीआरएस से कांग्रेस में शामिल हुए दस में से नौ विधायकों ने रविवार शाम को मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से उनके निवास पर मुलाकात की।

इस बैठक का विशेष महत्व है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई को तेलंगाना विधानसभा के स्पीकर को यह निर्देश दिया है कि वह तीन महीने के भीतर इन विधायकों के खिलाफ अयोग्यता के मामले में निर्णय लें।

बैठक में कड़ियम श्रीहरी को छोड़कर बाकी सभी विधायकों की उपस्थिति रही। बताया जा रहा है कि लगभग एक घंटे तक चली इस बंद कमरे की बैठक में विधायकों ने स्पीकर गद्दाम प्रसाद कुमार द्वारा जारी नोटिसों के संदर्भ में अपनी राजनीतिक और कानूनी स्थिति पर चर्चा की। ये नोटिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी किए गए थे, जिसमें विधायकों की सदस्यता रद्द करने की प्रक्रिया आरंभ की गई है।

हालांकि, विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री से मुलाकात का उद्देश्य अपने-अपने क्षेत्रों के विकास के लिए सहायता मांगना था, लेकिन राजनीतिक हलकों में यह चर्चा हो रही है कि बैठक में नोटिसों के जवाब में रणनीति विकसित करने पर भी विचार किया गया। विधायकों का दावा है कि वे अब भी बीआरएस के सदस्य हैं और विधानसभा के रिकॉर्ड में उनका नाम बीआरएस के रूप में दर्ज है।

सुप्रीम कोर्ट ने बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव और कुछ अन्य विधायकों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था कि स्पीकर को तीन माह के भीतर अयोग्यता के मामलों का निपटारा करना होगा।

मुख्य विपक्षी दल ने स्पीकर से मांग की है कि मार्च 2024 के बाद कांग्रेस में शामिल हुए सभी दस बीआरएस विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए।

इन विधायकों में दानम नागेंद्र (खैरताबाद), टेल्लम वेंकट राव (भद्राचलम), कड़ियम श्रीहरी (स्टेशन घनपुर), पोचरम श्रीनिवास रेड्डी (बंसवाड़ा), एम. संजय कुमार (जगटियाल), अरेकापुड़ी गांधी (सेरिलिंगमपल्ली), टी. प्रकाश गौड़ (राजेंद्रनगर), बी. कृष्ण मोहन रेड्डी (गडवाल), जी. महिपाल रेड्डी (पतंचेरे) और काले यादव शामिल हैं, जिन्होंने पिछले वर्ष बीआरएस छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे।

Point of View

यह घटनाक्रम तेलंगाना की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। विधायकों की इस बैठक का तहकीकात करना ज़रूरी है क्योंकि यह भविष्य में राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

तेलंगाना में दलबदल का क्या महत्व है?
दलबदल का महत्व राजनीतिक स्थिरता और विधायकों की स्थिति पर निर्भर करता है। यह चुनावी नतीजों को प्रभावित कर सकता है।
क्या विधायकों की सदस्यता रद्द हो सकती है?
यदि स्पीकर द्वारा आदेश दिया जाता है, तो विधायकों की सदस्यता रद्द की जा सकती है।