क्या तेलंगाना में झील में डाला जा रहा है जहरीला कचरा?

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क्या तेलंगाना में झील में डाला जा रहा है जहरीला कचरा?

सारांश

तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में नल्ला चेरुवु झील में फार्मास्युटिकल कचरा डाले जाने की जानकारी सामने आई है। एनजीटी ने इस मुद्दे पर स्वतः संज्ञान लिया, जिससे स्थानीय निवासियों ने तत्काल कार्रवाई की मांग की। क्या यह मामला पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन का संकेत है?

Key Takeaways

  • फार्मास्युटिकल कचरे का झीलों में छोड़ा जाना गंभीर चिंता का विषय है।
  • एनजीटी ने स्वतः संज्ञान लिया है और कार्रवाई शुरू की है।
  • स्थानीय निवासियों ने तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तेलंगाना के संगारेड्डी जिले के डोम्माडुगु गांव में एक स्थानीय जल निकाय, नल्ला चेरुवु में फार्मास्युटिकल कचरा छोड़े जाने को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में ग्रामीणों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों का उल्लेख किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस गंभीर मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए चिंता व्यक्त की है।

जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बैठी बेंच ने कहा कि यह घटना वाटर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट, 1974 और एनवायरनमेंट (प्रोटेक्शन) एक्ट, 1986 के तहत कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करती है।

बेंच, जिसमें विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल भी शामिल थे, ने कहा, "यह मामला पर्यावरणीय नियमों के अनुपालन और कानूनों के प्रावधानों को लागू करने से संबंधित कई महत्वपूर्ण सवाल उठाता है।"

24 सितंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लिया गया, जिसमें बताया गया था कि फार्मास्युटिकल कंपनियां कथित रूप से झील में जहरीला कचरा छोड़ रही हैं, जिससे निवासियों ने तुरंत कार्रवाई की मांग की।

इस मामले को ध्यान में रखते हुए, एनजीटी ने सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, तेलंगाना स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और संगारेड्डी के जिला कलेक्टर को प्रतिवादी बनाया।

तेलंगाना पीसीबी के वकील ने नोटिस स्वीकार कर लिया और जवाब देने के लिए चार हफ्तों का समय मांगा।

यह देखते हुए कि यह मामला दक्षिणी जोनल बेंच के अधिकार क्षेत्र में आता है, एनजीटी ने मामले को आगे की कार्यवाही के लिए चेन्नई ट्रांसफर करने का आदेश दिया और सभी प्रतिवादियों को 3 दिसंबर को अगली सुनवाई से कम से कम एक हफ्ते पहले हलफनामे के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा, "क्योंकि यह मामला ट्रिब्यूनल की दक्षिणी जोनल बेंच के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए ओए (ओरिजनल एप्लीकेशन) को उचित कार्रवाई के लिए दक्षिणी जोनल बेंच, चेन्नई में ट्रांसफर किया जाता है। ओए का मूल रिकॉर्ड दक्षिणी जोनल बेंच, चेन्नई को ट्रांसफर किया जाए।"

इसके अलावा कहा गया है, "अगर कोई प्रतिवादी अपने वकील के माध्यम से जवाब दाखिल किए बिना जवाब देता है, तो वह प्रतिवादी ट्रिब्यूनल की सहायता के लिए वर्चुअली मौजूद रहेगा।"

Point of View

बल्कि यह जैव विविधता को भी प्रभावित करता है। यह समय है कि हम सभी मिलकर इस समस्या का समाधान खोजें।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

तेलंगाना में जहरीले कचरे का क्या असर है?
जहरीले कचरे के परिणामस्वरूप जल स्रोतों का प्रदूषण होता है, जिससे मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
एनजीटी ने क्या कदम उठाया है?
एनजीटी ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया है और संबंधित बोर्डों को प्रतिवादी बनाया है।
फार्मास्युटिकल कचरा क्या है?
फार्मास्युटिकल कचरा उन पदार्थों का समूह है जो औषधियों के निर्माण और प्रयोग के दौरान उत्पन्न होते हैं और जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकते हैं।