क्या आम नागरिक के वोट देने पर तेजस्वी यादव का सूपड़ा साफ होता रहेगा? : संजय जायसवाल

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव का भविष्य आम नागरिक के वोट पर निर्भर है।
- राजद शासनकाल को जंगलराज कहा गया है।
- नीतीश कुमार ने बिहार के स्वास्थ्य में सुधार किया है।
- राजनीति में पिता-पुत्र की भूमिका को चुनौती दी गई है।
- संजय जायसवाल का बयान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चर्चा का हिस्सा है।
पटना, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जल्द ही तिथियों की घोषणा की संभावना है। चुनावी माहौल में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजियों का दौर तेज हो गया है। इस दौरान भाजपा ने राजद के शासनकाल को जंगलराज करार देते हुए तीखे हमले किए हैं। बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल ने राजद और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर कड़ा प्रहार किया।
उन्होंने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा, "तेजस्वी यादव को शहाबुद्दीन के जमाने में बैलेट लूटने की आदत थी। आजकल ऐसा नहीं होता। अब आमतौर पर ईवीएम के जरिए वोटिंग होती है और आम नागरिक वोट डालता है। ऐसे में जब तक बिहार में आम नागरिक वोट देता रहेगा, तब तक तेजस्वी यादव का सूपड़ा साफ होता रहेगा।"
सांसद संजय जायसवाल ने आगे कहा कि राजद शासनकाल के बारे में सभी जानते हैं। अपहरण और हत्या की घटनाएं होती थीं, और यह पहली बार हुआ था जब मुख्यमंत्री आवास में अपहरण के पैसे वसूले जाते थे। यह बात इस देश के हर नागरिक को पता है।
इधर, तेजस्वी यादव द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य पर उठाए गए सवाल पर जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार के सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्वास्थ्य को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने तेजस्वी यादव को सलाह देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को छोड़कर अपने पितृधर्म का पालन करें। अपने पिता की सेवा करें। लालू यादव का न तो राजनीतिक स्वास्थ्य अच्छा है और न ही शारीरिक स्वास्थ्य, इसलिए पहले अपने परिवार की चिंता करें। नीतीश कुमार की राजनीति ने पिता-पुत्र की राजनीति को ध्वस्त कर दिया है।
उन्होंने तेजस्वी यादव को नसीहत देते हुए कहा कि पेट में दर्द हो तो सिरदर्द की दवा नहीं लेनी चाहिए। नीतीश कुमार की चिंता छोड़कर अपने पिता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।