क्या त्रिपुरा में हमारे नेताओं और समर्थकों पर बार-बार हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- टीएमसी ने राज्य में हो रहे हमलों के खिलाफ आवाज उठाई है।
- कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा।
- राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है।
- भाजपा पर कई आरोप लगाए गए हैं।
- लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने की जरूरत है।
अगरतला, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को अगरतला के राजभवन में अधिकारियों से मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में पश्चिम बंगाल के तीन सांसदों और एक राज्य मंत्री शामिल थे। उन्होंने राज्य मुख्यालय में हाल ही में हुई तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए एक ज्ञापन प्रस्तुत किया।
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पश्चिम बंगाल की वन एवं उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री बीरबाहा हांसदा ने किया, जिसमें सांसद सुष्मिता देव, सायोनी घोष, और प्रतिमा मंडल के साथ-साथ टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष और युवा नेता सुदीप राहा शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल ने पहले भाजपा समर्थकों द्वारा टीएमसी कार्यालय पर किए गए कथित हमले के सिलसिले में एनसीसी पुलिस स्टेशन में एक जीरो एफआईआर दर्ज की थी।
टीम राज्यपाल एन. इंद्रसेन रेड्डी नल्लू से नहीं मिल पाई, लेकिन उन्होंने अपना ज्ञापन उनके सचिव यूके चकमा को सौंप दिया। ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए टीएमसी नेता कुणाल घोष ने तुरंत कानूनी कार्रवाई की मांग को दोहराया।
उन्होंने कहा, "हमें न्याय चाहिए। अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो टीएमसी राज्यव्यापी राजनीतिक आंदोलन शुरू करेगी। त्रिपुरा में हमारे नेताओं और समर्थकों पर बार-बार हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।"
घोष ने मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा शुरू की गई कई कल्याणकारी योजनाओं की "नकल" कर रहे हैं और कहा कि राज्य सरकार के शासन में मौलिकता का अभाव है।
उन्होंने आगे कहा, "जब सीपीआई (एम) सत्ता में थी, तो उनके कार्य अलग थे। आज वे भाजपा की बी-टीम बन गए हैं।"
इससे पहले, तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को अगरतला में पुलिस मुख्यालय में त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक अनुराग धनखड़ से मिला और वहां भाजपा समर्थकों द्वारा तृणमूल कांग्रेस कार्यालय में की गई तोड़फोड़ की शिकायत की थी।
प्रतिनिधिमंडल ने तोड़फोड़ में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की भी मांग की थी। उन्होंने बताया कि घटना के समय एक विधायक सहित दो भाजपा नेता वहां मौजूद थे।