क्या त्रिफला आयुर्वेद का त्रिदोष संतुलक है जो शरीर को अंदर से साफ करता है?
सारांश
Key Takeaways
- त्रिफला तीन फलों का संयोजन है: आंवला, हरड़ और बहेड़ा।
- यह शरीर को डिटॉक्स करता है और पाचन में सुधार करता है।
- त्रिफला का उपयोग त्वचा और बालों की समस्याओं में भी किया जा सकता है।
- यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी लाभकारी है।
- इसके नियमित सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
नई दिल्ली, 8 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की तेज रफ्तार जीवनशैली में जब अधिकांश लोग एलोपैथी दवाओं और त्वरित (इंस्टेंट) उपायों पर निर्भर हो गए हैं, वहीं आयुर्वेद का एक प्राचीन और विश्वसनीय नुस्खा त्रिफला आज भी उतना ही प्रभावी और लोकप्रिय है। त्रिफला तीन फलों (आंवला, हरड़ और बहेड़ा) का संयोजन है। ये तीनों फल मिलकर ऐसा संतुलन बनाते हैं जो शरीर को अंदर से साफ, मजबूत और स्वस्थ बनाए रखता है।
आंवला विटामिन सी का एक उत्कृष्ट स्रोत है और यह शरीर को रोगों से मुकाबला करने की ताकत प्रदान करता है। हरड़ पाचन शक्ति को सुधारती है और शरीर की सफाई करती है, जबकि बहेड़ा कफ को नियंत्रित कर सांस संबंधी समस्याओं में राहत देती है।
जब इन तीनों को एक साथ मिलाया जाता है, तो शरीर के तीन दोष (वात, पित्त और कफ) संतुलित हो जाते हैं। इसी कारण इसे आयुर्वेद में त्रिदोष संतुलक औषधि कहा गया है।
त्रिफला केवल एक दवा नहीं, बल्कि यह जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यदि इसे नियमित रूप से लिया जाए, तो यह शरीर को भीतर से डिटॉक्स करता है, कोशिकाओं को पोषण देता है और मन को शांत रखता है।
इसके लाभ अनगिनत हैं। यदि आपको कब्ज या गैस की समस्या होती है, तो रात को सोने से पहले त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें, सुबह आपको हल्का और साफ पेट महसूस होगा। यह पाचन शक्ति बढ़ाने, वजन घटाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक है। जो लोग डिटॉक्स की तलाश में हैं, उनके लिए यह अत्यंत प्रभावी है, क्योंकि यह शरीर से विषैले तत्वों को निकाल देता है।
त्रिफला त्वचा और बालों के लिए भी एक वरदान है। इसका पेस्ट चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे और मुंहासे कम होते हैं। बालों को इससे धोने पर रूसी दूर हो जाती है और बाल मजबूत होते हैं। इसके अलावा, त्रिफला जल से आंखों को धोना भी लाभकारी होता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए भी यह सहायक माना जाता है, क्योंकि यह रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है। इसके साथ ही, मुंह की दुर्गंध या छालों जैसी समस्याओं में त्रिफला से कुल्ला करना फायदेमंद होता है।