क्या त्रिपुरा ने पंचायत हस्तांतरण सूचकांक में सातवां स्थान हासिल किया है? : सीएम माणिक साहा

सारांश
Key Takeaways
- त्रिपुरा ने पंचायत हस्तांतरण सूचकांक में सातवां स्थान हासिल किया।
- राज्य में 100% अनुपालन के साथ सभी पंचायतें शामिल हुईं।
- गोमती जिले को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले के रूप में मान्यता मिली।
- मुख्यमंत्री माणिक साहा का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।
- राज्य की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है।
अगरतला, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा को पंचायत हस्तांतरण सूचकांक में भारत के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राज्यों में सातवां स्थान प्राप्त हुआ है। यह जानकारी त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने दी।
मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने सोमवार को घोषणा की कि हाल ही में जारी पंचायत हस्तांतरण सूचकांक में त्रिपुरा ने भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों में सातवां स्थान हासिल किया है। यह सूचकांक हर आठ साल में एक बार प्रकाशित होता है।
मुख्यमंत्री ने अगरतला स्थित राज्य पंचायत संसाधन केंद्र में दो दिवसीय पंचायत राज क्षमता निर्माण कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए जमीनी स्तर पर शासन में राज्य के उल्लेखनीय प्रदर्शन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर पंचायत मंत्री किशोर बर्मन भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने बताया कि भारत की 2,55,699 पंचायतों में से 84.5 प्रतिशत ने हस्तांतरण सूचकांक के लिए अपने दस्तावेज प्रस्तुत किए, जबकि त्रिपुरा ने सभी 1,176 पंचायतों की भागीदारी के साथ 100 प्रतिशत अनुपालन हासिल किया।
साहा ने कहा कि पूरे भारत में केवल 699 पंचायतों को ग्रेड ए मिला, जो 0.32 प्रतिशत है। लेकिन त्रिपुरा में 42 पंचायतों को ग्रेड ए मिला, जो 3.5 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि अकेले त्रिपुरा में राष्ट्रीय सफलता दर का छह प्रतिशत है।
उन्होंने जिला-स्तरीय प्रगति पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि त्रिपुरा के गोमती जिले को भारत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले के रूप में मान्यता दी गई है। पंचायत उन्नति सूचकांक के तहत, 42 पंचायतों को ग्रेड ए, 728 को ग्रेड B और 460 को ग्रेड C मिला, जबकि कोई भी ग्रेड D से नीचे नहीं आया। यह इस बात का संकेत है कि त्रिपुरा सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
साहा ने दोहराया कि राज्य 2047 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ खुद को जोड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि त्रिपुरा की प्रति व्यक्ति आय पूर्वोत्तर में सिक्किम के बाद दूसरे स्थान पर है, जबकि इसका सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) असम के बाद दूसरे स्थान पर है। इसका मतलब है कि सरकार सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
पंचायत मंत्री किशोर बर्मन ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास है।
उन्होंने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था के माध्यम से त्रिपुरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा के दृष्टिकोण के अनुरूप अंतिम छोर पर बैठे ग्रामीण गरीबों तक लाभ पहुंचाने और सामाजिक-आर्थिक उत्थान सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।