क्या ट्रंप ने खाशोज्जी मर्डर मामले में सऊदी को दी 'क्लीन चिट'?
सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप और एमबीएस के बीच महत्वपूर्ण मुलाकात।
- खाशोज्जी हत्या मामले में ट्रंप का विवादास्पद बयान।
- सऊदी अरब को क्लीन चिट।
- दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक परमाणु समझौता।
- एफ-35एस फाइटर जेट की बिक्री।
वाशिंगटन, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (एमबीएस) ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी पत्रकार जमाल खाशोज्जी की हत्या के बाद यह एमबीएस का पहला अमेरिका दौरा था। ट्रंप ने इस घटना पर सऊदी अरब को क्लीन चिट भी दी। इस मीटिंग के दौरान एक पत्रकार द्वारा पूछे गए सवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति को नाराज कर दिया।
2018 में, अमेरिकी पत्रकार और सऊदी सरकार के आलोचक जमाल खाशोज्जी की हत्या कर दी गई थी। इस मुद्दे पर सऊदी अरब की काफी आलोचना हुई थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एमबीएस ने खाशोज्जी को पकड़ने और उसकी हत्या करने की अनुमति दी थी।
फिर भी, ट्रंप ने एमबीएस से मुलाकात के दौरान सऊदी अरब को इस मामले में क्लीन चिट दी। व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान एबीसी न्यूज की रिपोर्टर ने सवाल किया, "जब अमेरिकी एजेंसियां खुद क्राउन प्रिंस को खाशोज्जी की हत्या का जिम्मेदार मानती हैं, तो अमेरिकी जनता उन पर क्यों भरोसा करे?"
इस पर ट्रंप ने जवाब दिया, "आप फेक न्यूज हैं; आप किसी ऐसे व्यक्ति का जिक्र कर रहे हैं, जो विवादास्पद रहा है। जो व्यक्ति आप बात कर रहे हैं, उन्हें बहुत से लोग पसंद नहीं करते थे। आप उन्हें पसंद करें या न करें, घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन क्राउन प्रिंस को इस बारे में कुछ नहीं पता था, और हम इसे यहीं समाप्त कर देते हैं। आपको हमारे मेहमान को शर्मिंदा करने की आवश्यकता नहीं है।"
दोनों देशों ने एक ऐतिहासिक परमाणु समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत सिविल न्यूक्लियर एनर्जी पर एक संयुक्त घोषणा को मंजूरी दी गई है।
इसके अतिरिक्त, ट्रंप ने सोमवार को घोषणा की थी कि अमेरिका सऊदी अरब को एफ-35एस फाइटर जेट बेचेगा। सऊदी अरब की मांग पर अमेरिका उसे 48 एफ-35एस फाइटर जेट उपलब्ध कराएगा। दोनों देशों ने लगभग 300 अमेरिकी टैंकों की डिलीवरी पर भी सहमति जताई है।
व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार, असैन्य परमाणु ऊर्जा, एक महत्वपूर्ण खनिज ढांचे और एक एआई समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर समझौतों के अलावा, अमेरिका-सऊदी रणनीतिक रक्षा समझौते (एसडीए) पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।