क्या ट्रंप ने पुतिन से मिलने के बाद जेलेंस्की को फोन किया?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप और पुतिन के बीच सकारात्मक बातचीत हुई।
- यूक्रेन की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
- शांति समझौता युद्ध समाप्त करने का सबसे बेहतर तरीका है।
- जेलेंस्की और ट्रंप के बीच संवाद महत्वपूर्ण है।
- संघर्ष की मूल जड़ों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
वाशिंगटन, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अलास्का में 'रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति' पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बैठक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वाशिंगटन लौट आए हैं। ट्रंप ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रूथ' पर साझा करते हुए कहा कि अलास्का में एक शानदार और बہुत सफल दिन था। पुतिन के साथ उनकी बैठक बेहद अच्छी रही। इसके बाद उन्होंने देर रात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और नाटो के महासचिव सहित कई यूरोपीय नेताओं से फोन पर बात की। फोन कॉल पर भी वार्ता सकारात्मक रही।
ट्रंप ने आगे कहा कि सभी ने सहमति जताई कि रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध को समाप्त करने का सबसे प्रभावी तरीका सीधा एक शांति समझौता करना है, जिससे युद्ध समाप्त हो सके, क्योंकि युद्धविराम समझौते अक्सर टिकाऊ नहीं होते। राष्ट्रपति जेलेंस्की सोमवार को वाशिंगटन डीसी आएंगे। यदि सब कुछ सही रहा तो हम राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक और बैठक की योजना बनाएंगे। इससे लाखों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद।
अलास्का में ट्रंप से मुलाकात के बाद व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "हमारी बातचीत रचनात्मक और परस्पर सम्मान के माहौल में हुई।" उन्होंने ट्रंप का स्वागत किया और उनके साथ बहुत अच्छे सीधे संपर्क स्थापित किए।
रूसी समाचार एजेंसी टीएएसएस के अनुसार, पुतिन ने कहा, "मैं ट्रंप को साथ मिलकर काम करने और बातचीत में एक दोस्ताना और भरोसेमंद माहौल बनाए रखने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पक्ष परिणाम प्राप्त करने के लिए दृढ़ थे। हमारी बातचीत सकारात्मक रही।"
पुतिन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं राष्ट्रपति ट्रंप से सहमत हूं कि यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। हम इस पर काम करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, युद्ध तभी समाप्त हो सकता है जब रूस की सभी जायज चिंताओं पर ध्यान दिया जाए और संघर्ष की सभी मूल जड़ों पर विचार किया जाए।"