क्या ट्रंप अगले जी-20 समिट में दक्षिण अफ्रीका को निमंत्रण नहीं देंगे?
सारांश
Key Takeaways
- दक्षिण अफ्रीका को जी-20 समिट में निमंत्रण नहीं मिलेगा।
- सभी सब्सिडी तुरंत प्रभाव से बंद की जाएंगी।
- दक्षिण अफ्रीकी सरकार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
- यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लिया गया है।
- अगला जी-20 समिट मियामी में आयोजित होगा।
वाशिंगटन, 28 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि वह अगले साल फ्लोरिडा में होने वाले जी-20 समिट में दक्षिण अफ्रीका को निमंत्रण नहीं देंगे। इसके साथ ही उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को मिलने वाली सभी सब्सिडी को समाप्त करने का भी ऐलान किया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने लिखा कि अमेरिका दक्षिण अफ्रीका में जी-20 का हिस्सा नहीं बना, क्योंकि वहां की सरकार ने ईसाईयों पर हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी साधी हुई है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार उन मानवाधिकार हननों को मानने या उस पर ध्यान देने से इनकार कर रही है जो अफ्रीकी लोगों और डच, फ्रांसीसी एवं जर्मन प्रवासियों के वंशजों द्वारा सहन किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि सीधे शब्दों में, वे गोरे लोगों की हत्या कर रहे हैं और उनके खेतों को बिना किसी योजना के उनसे छीनने की अनुमति दे रहे हैं। शायद सबसे चिंताजनक यह है कि जल्द ही बंद होने वाला न्यूयॉर्क टाइम्स और अन्य फेक न्यूज मीडिया इस नरसंहार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहेंगे।
ट्रंप ने कहा कि जी-20 के समापन पर दक्षिण अफ्रीका ने हमारे अमेरिकी दूतावास के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि को जी-20 की अध्यक्षता सौंपने से मना कर दिया था।
इसलिए, उनके निर्देश पर, दक्षिण अफ्रीका को 2026 के जी-20 का निमंत्रण नहीं मिलेगा, जो अगले साल फ्लोरिडा के मियामी में आयोजित होगा। दक्षिण अफ्रीका ने दुनिया को बता दिया है कि वह किसी भी समूह की सदस्यता के योग्य नहीं है, और हम उन्हें दी जाने वाली सभी भुगतान और सब्सिडी तुरंत प्रभाव से बंद करने जा रहे हैं। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!
यह ध्यान देने योग्य है कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा किए गए आरोप लंबे समय से दक्षिण अफ्रीका में राजनीतिक बहस का विषय बने हुए हैं। दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने नस्ल-भेदी हिंसा के आरोपों को बार-बार खारिज किया है और कहा है कि उसका भूमि सुधार ढांचा संवैधानिक दिशानिर्देशों का पालन करता है।