क्या तुलसी का काढ़ा मां के आशीर्वाद जैसा है, जो रोग और इम्यूनिटी को संभालता है?

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क्या तुलसी का काढ़ा मां के आशीर्वाद जैसा है, जो रोग और इम्यूनिटी को संभालता है?

सारांश

तुलसी का काढ़ा एक आयुर्वेदिक पेय है जो न केवल रोगों से लड़ने में सहायक है, बल्कि इम्यूनिटी को भी मजबूती प्रदान करता है। जानिए इसके फायदे और इसे बनाने की विधि!

Key Takeaways

  • तुलसी का काढ़ा इम्यूनिटी को बूस्ट करता है।
  • यह सर्दी-खांसी में राहत प्रदान करता है।
  • काढ़ा बनाने की विधि सरल है।
  • तुलसी के फाइटोकेमिकल्स स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।
  • यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है।

नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की पवित्र भूमि पर उगने वाली तुलसी को आयुर्वेद में एक ऐसी जड़ी-बूटी माना गया है, जो मां की तरह हमारी देखभाल करती है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी अत्यधिक फायदेमंद है। तुलसी का सेवन वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है।

तुलसी का काढ़ा एक आयुर्वेदिक पेय है, जिसे तुलसी की पत्तियों को अदरक, काली मिर्च, दालचीनी, मुलेठी जैसी औषधीय मसालों के साथ उबालकर तैयार किया जाता है। यह न केवल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि मौसमी संक्रमणों से भी सुरक्षा प्रदान करता है।

बरसात के मौसम में संक्रमण का खतरा अधिक होता है, क्योंकि इस दौरान गंदगी, दूषित पानी और कीटाणु तेजी से फैलते हैं। तुलसी का काढ़ा एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों से युक्त होता है, जिससे ये संक्रमण दूर होते हैं। वहीं, सर्दियों में ठंड और कफ रोग आम हो जाते हैं, जिससे जुकाम, खांसी, और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। तुलसी का काढ़ा कफ को कम करता है और शरीर को गर्माहट देता है। यह इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में कार्य करता है, जो विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए लाभकारी है।

तुलसी का काढ़ा बनाने के लिए एक गिलास पानी में 5-7 तुलसी की पत्तियां डालें। इसके साथ 1 इंच अदरक का टुकड़ा, 3-4 काली मिर्च और थोड़ी दालचीनी मिलाकर उबालें जब तक पानी आधा न हो जाए। स्वाद के लिए ठंडा होने पर थोड़ा शहद भी मिलाया जा सकता है। यह काढ़ा दिन में 1-2 बार पीने से लाभ मिलता है।

तुलसी का काढ़ा सर्दी-खांसी में राहत प्रदान करता है, बलगम और कफ को निकालकर गले को साफ करता है, वायरल और मलेरिया जैसे बुखार में सहायक है, पाचन तंत्र को सशक्त बनाता है और गैस, अपच तथा पेट दर्द को कम करता है। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है और दिल एवं श्वसन तंत्र की सुरक्षा करता है।

चरक संहिता में तुलसी को कृमिनाशक और कफनाशक बताया गया है, जबकि सुश्रुत संहिता में इसे श्वसन रोगों और विषहर औषधि के रूप में वर्णित किया गया है। तुलसी के पौधे दिन और रात दोनों समय ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जो इसे अन्य पौधों से विशेष बनाता है।

आधुनिक अनुसंधानों से यह सिद्ध हुआ है कि तुलसी एच1एन1, डेंगू, मलेरिया और सामान्य सर्दी-जुकाम में लाभकारी है। इसके फाइटोकेमिकल्स कोशिकाओं के डीएनए को टूटने से बचाते हैं, इसलिए इसे प्राकृतिक कैंसर-रोधी भी कहा जाता है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि तुलसी का काढ़ा न केवल भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि आज के समय में इसकी औषधीय गुणों के कारण यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक सिद्ध हो रहा है। इसे हर घर में शामिल करने की आवश्यकता है।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

तुलसी का काढ़ा कैसे बनाते हैं?
एक गिलास पानी में 5-7 तुलसी की पत्तियां, 1 इंच अदरक, 3-4 काली मिर्च और दालचीनी डालकर उबालें।
क्या तुलसी का काढ़ा बच्चों के लिए सुरक्षित है?
हां, यह बच्चों के लिए भी लाभकारी है, लेकिन मात्रा का ध्यान रखें।
तुलसी का काढ़ा सर्दी में कैसे फायदेमंद होता है?
यह कफ को कम करता है और गले को राहत देता है।
क्या यह काढ़ा वजन कम करने में मदद कर सकता है?
यह पाचन तंत्र को सुधारता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है।
क्या तुलसी का काढ़ा एंटीवायरल है?
जी हां, इसमें एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं।