क्या उद्धव ठाकरे इंडिया गठबंधन से मुक्त होना चाहते हैं? आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान

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क्या उद्धव ठाकरे इंडिया गठबंधन से मुक्त होना चाहते हैं? आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान

सारांश

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे के इंडी गठबंधन से अलग होने की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। क्या यह गठबंधन टूटने की ओर अग्रसर है? जानें इस महत्वपूर्ण बयान के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • उद्धव ठाकरे का राहुल गांधी के प्रति असंतोष
  • इंडी गठबंधन में बढ़ती दरारें
  • कांग्रेस की स्थिति बिहार में कमजोर हो रही है
  • शिवसेना और ठाकरे परिवार की राजनीति में विरोध

गाज़ियाबाद, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इंडिया ब्लॉक और शिवसेना (यूबीटी) के बारे में एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। उन्होंने बताया कि उद्धव ठाकरे राहुल गांधी के कार्यों से असंतुष्ट हैं और इंडी गठबंधन से अलग होने का मन बना रहे हैं।

आचार्य ने कहा, "यह कहना कठिन है कि कौन पक्षी कब उड़ान भरेगा, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखकर ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे उड़ान के लिए तैयार हैं। दोनों दलों के बीच वैचारिक मतभेद इतने गहरे हैं कि यह गठबंधन टूटने की ओर अग्रसर है। राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे के विचार कभी एक नहीं हुए। शिवसेना और ठाकरे परिवार की राजनीति हमेशा कांग्रेस के खिलाफ रही है। दोनों दल भले ही एक साथ आए हों, लेकिन उनके दिल कभी नहीं मिले। शरद पवार ने इस गठबंधन को जोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन अब वह भी कमजोर पड़ता दिख रहा है। ठाकरे का यह रुख गठबंधन में बढ़ती अंदरूनी कलह का संकेत देता है।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उद्धव ठाकरे के हाल के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने परोक्ष रूप से राहुल गांधी और कांग्रेस को इंडी गठबंधन की असफलता का जिम्मेदार ठहराया है। ठाकरे का बयान स्पष्ट रूप से राहुल गांधी पर निशाना है। वे कांग्रेस की रणनीति और नेतृत्व से असंतुष्ट हैं।

आचार्य प्रमोद ने बिहार में इंडी गठबंधन की स्थिति पर भी प्रश्न उठाए। उनका कहना है कि कांग्रेस ने बिहार में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। कांग्रेस ने अपनी साख को लालू और तेजस्वी के हाथों गिरवी रख दिया है। मुझे नहीं लगता कि बिहार की जनता इस गठबंधन का समर्थन करेगी। इंडी गठबंधन में शामिल कई दल कांग्रेस के नेतृत्व से असंतुष्ट हैं।

दूसरी ओर, शिवसेना नेता शाइना एनसी ने भी इंडी गठबंधन में उभरती दरार पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि अब इस गठबंधन में केवल कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी (एसपी) और राजद जैसी कुछ पार्टियां ही बची हैं। आम आदमी पार्टी (आप) ने खुद को इस गठबंधन से अलग कर लिया है। 'आप' का अलग होना गठबंधन की कमजोरी को दर्शाता है।

Point of View

यह स्थिति राजनीतिक अस्थिरता का संकेत देती है। इंडी गठबंधन में बढ़ती दरारें दर्शाती हैं कि विभिन्न दलों के बीच विचारधारा का संघर्ष गहरा हो चुका है। यह बात स्पष्ट है कि यदि यह गठबंधन टूटता है, तो इससे देश की राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

उद्धव ठाकरे ने क्या कहा है?
उद्धव ठाकरे ने राहुल गांधी और कांग्रेस को इंडी गठबंधन की असफलता का जिम्मेदार ठहराया है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम का क्या कहना है?
उन्होंने कहा है कि उद्धव ठाकरे इंडी गठबंधन से अलग होने की इच्छा रखते हैं।
बिहार में इंडी गठबंधन की स्थिति क्या है?
आचार्य प्रमोद ने कहा कि कांग्रेस ने बिहार में लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।