क्या उदित राज का बयान सनातन विरोधी मानसिकता को दर्शाता है?: रविंद्रपुरी महाराज

सारांश
Key Takeaways
- उदित राज के बयान ने विवाद खड़ा किया है।
- महंत रविंद्रपुरी महाराज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
- कांवड़ यात्रा का महत्व धार्मिक और सांस्कृतिक है।
हरिद्वार, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांवड़ यात्रा के संदर्भ में कांग्रेस नेता उदित राज के विवादित बयान पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी महाराज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने उदित राज पर सनातन धर्म और हिंदू परंपराओं पर हमले करने का आरोप लगाया।
महंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ऐसे लोग जो सनातन विरोधी मानसिकता रखते हैं, हमेशा हिंदू पर्वों और परंपराओं पर सवाल उठाते हैं। उदित राज का यह बयान कांवड़ यात्रा और सनातन संस्कृति पर एक हमला है। ऐसे लोग केवल एक विशिष्ट वर्ग की राजनीति करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कांवड़ यात्रा में उपद्रव फैलाने वाले लोग उदित राज जैसे नेताओं के समर्थक हैं, जो श्रद्धालुओं के बीच घुसपैठ कर माहौल को खराब करने का प्रयास करते हैं। हमें किसी गैर-हिंदू से खतरा नहीं है, बल्कि अपने समाज के उन लोगों से खतरा है, जो जाति और वर्ग की आड़ में समाज को विभाजित करने का प्रयास कर रहे हैं।
महंत रविंद्रपुरी महाराज ने उदित राज पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे केवल एक वर्ग के नेता बनना चाह रहे हैं, लेकिन जनता उनकी असलियत को समझ चुकी है। सनातन धर्म का विरोध करना उचित नहीं है और ऐसे लोग भगवान की नजर में हैं।
उन्होंने उदित राज की निंदा करते हुए कहा, “कांवड़ियों पर गलत बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सनातन धर्म अनंत है। इसके खिलाफ बोलने वाले कितने आए और चले गए, लेकिन सनातन आज भी अडिग है और हमेशा रहेगा। कांवड़ यात्रा शिव भक्तों का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को एकजुट करता है। यह यात्रा भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है और इसे बदनाम करने की कोशिश करने वालों को समाज कभी माफ नहीं करेगा।”
उन्होंने सरकार और प्रशासन से अपील की कि कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए ताकि असामाजिक तत्व माहौल को खराब न कर सकें।