क्या मुंबई में आतंकी हमलों के बाद ऑपरेशन सिंदूर जैसा हमला करना चाहिए था: उज्ज्वल निकम?
सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सिंदूर जैसा हमला आवश्यक था।
- भारत की सुरक्षा में सुधार हुआ है।
- प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशिप की प्रशंसा।
- आतंकी हमले की जवाबदेही जरूरी है।
- दुनिया में भारत की छवि मजबूत हो रही है।
पुणे, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। 26/11 मुंबई आतंकी हमले की कल, यानी बुधवार को, 17वीं वर्षगांठ है। इस पर एडवोकेट और राज्यसभा सदस्य उज्ज्वल निकम ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि 26/11 हमलों के बाद ऑपरेशन सिंदूर जैसा जवाब देना चाहिए था। इस प्रकार, कोई भी भारत पर पुनः हमला करने की हिम्मत नहीं करता।
सांसद उज्ज्वल निकम ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि 2014 के बाद हमारी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा दोनों मजबूत हुई हैं। रूस और यूक्रेन जैसे देश, जो संघर्ष में हैं, उन्होंने भी हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से दो दिन के लिए अपनी दुश्मनी रोक दी। यह पहले संभव नहीं था। यह केवल हमारे प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के कारण हुआ।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की। निकम ने कहा कि आज, दुनिया प्रधानमंत्री मोदी की लीडरशिप को पहचानती है। दुनियाभर में भारत की छवि एक मजबूत देश के रूप में बन रही है। इसका श्रेय निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी की निर्णायक शक्ति और उनके सभी मंत्रियों को जाता है।
उज्ज्वल निकम ने कहा कि मैंने कहा था कि अगर हम वास्तव में 26/11 आतंकी हमले का जवाब देना चाहते हैं, और अगर हम 26/11 हमलों में शहीद हुए लोगों को इंसाफ दिलाना चाहते हैं, तो हमें ऑपरेशन सिंदूर जैसा ऑपरेशन करना होगा। तभी जो लोग भारत, हमारे हिंदुस्तान के बारे में बुरा सोचते हैं, वे अपने जीवन में ऐसे कार्यों के बारे में दोबारा सोचने की भी हिम्मत नहीं करेंगे।
साल 2008 में 26 नवंबर को मुंबई के ताज होटल पर आतंकी हमला हुआ था। मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान पाकिस्तानी आतंकवादियों ने समुद्री मार्ग से शहर में घुसकर तबाही मचाई। इस आतंकी हमले में लगभग 166 लोगों की जान चली गई थी।