क्या माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर को मिली जमानत?

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क्या माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर को मिली जमानत?

सारांश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे उमर को जमानत दे दी है। यह निर्णय गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामले में आया है, जहां उन्होंने अपनी मां के फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था। जानिए इस मामले के सभी पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • उमर अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी।
  • उन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत आरोपित किया गया था।
  • फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने का आरोप है।
  • अफशां अंसारी अभी भी फरार हैं।
  • कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए जमानत प्रदान की गई।

प्रयागराज, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को दिवंगत माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र उमर अंसारी को महत्वपूर्ण राहत प्रदान की। अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के तहत एक मामले में उमर की जमानत को स्वीकृति दे दी।

उमर अंसारी पर यह आरोप था कि उन्होंने अपनी मां अफशां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर और नकली दस्तावेजों का उपयोग करके जब्त की गई संपत्ति को वापस पाने का प्रयास किया। शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ. गौतम चौधरी ने उमर की जमानत याचिका पर सुनवाई की और सरकारी पक्ष एवं उमर के वकील की दलीलें सुनने के बाद जमानत मंजूर कर दी।

इससे पहले, 21 अगस्त को गाजीपुर की एक अदालत ने उमर की जमानत याचिका को अस्वीकृत कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय में अपील की थी। अब उच्च न्यायालय के निर्णय से उमर के जेल से बाहर निकलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में उमर के खिलाफ यह मामला दर्ज है। आरोप है कि गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई जमीन को छुड़ाने के लिए उसने फर्जी दस्तावेज और अपनी मां के नाम से गलत हस्ताक्षर किए। इस मामले में पुलिस ने चार अगस्त को लखनऊ से उमर को गिरफ्तार किया था। वर्तमान में, वह कासगंज की पचलाना जेल में बंद है। 23 अगस्त को उसे गाजीपुर की जेल से वहां स्थानांतरित किया गया था। यह मामला मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र का है, जहां थानाध्यक्ष ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी।

यह विवादित संपत्ति सदर कोतवाली क्षेत्र के बल्लभ देवढ़ी दास मोहल्ले में स्थित है, जिसे डीएम के आदेश पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया गया था। जांच में पाया गया कि दस्तावेजों पर अफशां अंसारी के असली हस्ताक्षर नहीं हैं। संपत्ति को छुड़ाने के लिए फर्जी हस्ताक्षर के साथ वकालतनामा दाखिल किया गया था। वहीं, अफशां अंसारी अभी भी फरार हैं और उन पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित है।

-- राष्ट्र प्रेस

विकेटी/पीएसके

Point of View

क्योंकि यह दिखाता है कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। उमर अंसारी को जमानत देना न्यायिक प्रणाली की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, लेकिन यह सवाल भी उठाता है कि क्या समाज में ऐसे मामलों का प्रभाव पड़ता है।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

उमर अंसारी को जमानत कब मिली?
उमर अंसारी को जमानत 19 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई।
उमर अंसारी पर क्या आरोप हैं?
उमर अंसारी पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मां के फर्जी हस्ताक्षर और नकली दस्तावेजों का उपयोग किया।
उमर अंसारी किस जेल में बंद हैं?
उमर अंसारी वर्तमान में कासगंज की पचलाना जेल में बंद हैं।
इस मामले में अगला कदम क्या होगा?
उमर की जमानत मंजूर होने के बाद, अब वह जेल से बाहर आ सकते हैं और मामले की आगे की सुनवाई का सामना कर सकते हैं।
क्या अफशां अंसारी अभी भी फरार हैं?
हां, अफशां अंसारी अभी भी फरार हैं और उनके लिए 50 हजार रुपए का इनाम घोषित है।