क्या यूपी में सात दिन में 18,348 नवजातों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट मिला?

Click to start listening
क्या यूपी में सात दिन में 18,348 नवजातों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट मिला?

सारांश

उत्तर प्रदेश सरकार ने नवजातों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट देने की एक विशेष पहल की है। एक से सात जुलाई के बीच जन्मे बच्चों को पौधों के साथ सर्टिफिकेट दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य पौधों की देखभाल और संरक्षण को बढ़ावा देना है। जानें इस पहल के बारे में अधिक!

Key Takeaways

  • उत्तर प्रदेश में नवजातों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट का वितरण किया गया।
  • 18,348 नवजातों को पौधों के साथ सर्टिफिकेट मिले।
  • अभिभावकों को पौधों की देखभाल का संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया गया।
  • यह पहल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है।
  • सर्वाधिक सर्टिफिकेट लखनऊ मंडल में प्रदान किए गए।

लखनऊ, 15 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक से सात जुलाई के बीच जन्म लेने वाले नवजातों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट और उनके अभिभावकों को पौधों का वितरण किया। इस पहल का अभिभावकों द्वारा स्वागत किया गया है। उन्होंने प्रण लिया है कि नवजात के साथ-साथ पौधों की भी देखभाल और संरक्षण करेंगे।

अभिभावकों को लकड़ी, फल और सहजन समेत विभिन्न प्रजातियों के पौधे प्रदान किए गए। लखनऊ मंडल में सबसे अधिक ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट और पौधे दिए गए, जबकि देवीपाटन मंडल दूसरे और आगरा तीसरे स्थान पर रहा। कुल 18,348 नवजातों को सरकारी अस्पतालों में ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।

पौधरोपण महाभियान के मिशन निदेशक, दीपक कुमार, ने बताया कि सभी प्रभागों के वनाधिकारी को निर्देशित किया गया था कि वे स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर संस्थागत प्रसव से जन्मे बच्चों को यह सर्टिफिकेट और पौधे प्रदान करें। अभिभावकों को कहा गया है कि वे खाली स्थानों पर पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करें। वन विभाग ने अभिभावकों को जामुन, सहजन, अमरूद, नीम, सागौन, शीशम, सिल्वर ओक, आंवला आदि जैसे पौधे भेंट किए।

एक से सात जुलाई के बीच जन्मे बच्चों को जिनका सर्टिफिकेट प्रदान किया गया, उसे 'ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट' का नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों के साथ ही रोपे गए पौधे की उचित देखभाल और संरक्षण के लिए अभिभावकों को प्रोत्साहित करना है।

लखनऊ मंडल में सबसे ज्यादा 2555 ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट वितरित किए गए। यहाँ पर ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट और पौधों की संख्या इस प्रकार है: 1- लखनऊ 2555, 2- देवीपाटन 1854, 3- आगरा 1406, 4- बरेली 1379, 5- प्रयागराज 1332, 6- मेरठ 1141, 7- सहारनपुर 1055, 8- कानपुर 1052, 9- अलीगढ़ 1019, 10- गोरखपुर 1018, 11- अयोध्या 1015, 12- मुरादाबाद 709, 13- झांसी 602, 14- बस्ती 540, 15- चित्रकूट 515, 16- वाराणसी 491, 17- आजमगढ़ 414, 18- मीरजापुर 251। कुल 18348 ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट इन 15 जनपदों में वितरित किए गए।

Point of View

बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक कदम है। सरकार की इस योजना से अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ-साथ पेड़ों की देखभाल करने का अवसर मिला है। यह एक सकारात्मक बदलाव की ओर बढ़ता कदम है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट क्या है?
ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट एक पहचान पत्र है जो नवजातों को उनके जन्म के दौरान दिया जाता है, साथ ही उन्हें पौधे भी भेंट किए जाते हैं।
यह पहल कब शुरू हुई?
यह पहल 1 से 7 जुलाई के बीच शुरू की गई थी।
कितने नवजातों को सर्टिफिकेट दिया गया?
कुल 18,348 नवजातों को ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट प्रदान किए गए।
क्या अभिभावकों को पौधों की देखभाल के लिए प्रेरित किया गया है?
हाँ, अभिभावकों को पौधों की देखभाल और संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया है।
इस पहल का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य नवजातों के साथ पौधों की देखभाल और संरक्षण को बढ़ावा देना है।