क्या यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 ने प्रदेश की आर्थिक शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का संगम प्रस्तुत किया?

सारांश
Key Takeaways
- यूपीआईटीएस 2025 ने प्रदेश की आर्थिक शक्ति को प्रदर्शित किया।
- तीसरे दिन 1,25,204 आगंतुकों ने हिस्सा लिया।
- 6,118 बी2बी ऑर्डर प्राप्त हुए।
- 288 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।
- खादी फैशन शो ने परंपरा और आधुनिकता का मेल प्रस्तुत किया।
ग्रेटर नोएडा, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस) 2025 के तीसरे दिन, राज्य सरकार ने अपनी आर्थिक शक्ति और सांस्कृतिक धरोहर का एक अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।
वित्त विभाग द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण सत्र में, उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि “यूपीआईटीएस ने राज्य के उद्यमियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और विपणन के लिए एक विशाल अवसर प्रदान किया है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और एमएसएमई मंत्री राकेश सचान को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी। तीसरे दिन कुल 1,25,204 आगंतुकों ने मेले में हिस्सा लिया, जिनमें 35,368 बी2बी और 89,836 बी2सी प्रतिभागी शामिल रहे। यह दिखाता है कि यूपीआईटीएस अब भारत के सबसे बड़े राज्य-नेतृत्व वाले व्यापार आयोजनों में से एक बन चुका है।
दिनभर आयोजित सत्रों में राजकोषीय स्थिरता, डिजिटल निर्यात, ग्रामीण विकास, खाद्य प्रसंस्करण और मत्स्य पालन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की गई।
वित्त मंत्री ने अपने संबोधन में नीतिगत स्थिरता, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और प्रोत्साहन आधारित सुधारों को उत्तर प्रदेश की विकास गाथा का आधार बताया। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस द्वारा “ई-कॉमर्स: भारतीय निर्यात के लिए नई सीमा” विषय पर आयोजित सत्र में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ और एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने भाग लिया।
समानांतर रूप से आयोजित “लोकल से ग्लोबल” विषयक ओडीओपी सत्र ने दिखाया कि कैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जा सकता है। ट्रेड शो के पहले दो दिनों में 6,118 बी2बी ऑर्डर प्राप्त हुए, जिनकी कुल वित्तीय प्रतिबद्धता 20.77 करोड़ से अधिक रही। युवाओं के लिए आयोजित सीएम युवा कॉन्क्लेव में भी तीसरे दिन 2,200 बिजनेस पूछताछ दर्ज की गईं, जबकि अब तक कुल 101 बी2बी बैठकें और 39 प्रेजेंटेशन हो चुके हैं।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय खरीदार-विक्रेता मीट में 288 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए जिनकी कुल राशि 89 करोड़ रही। शाम को आयोजित खादी फैशन शो ने परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत मेल प्रस्तुत किया। खादी को ‘राष्ट्र के वस्त्र’ से ‘फैशन के वस्त्र’ तक की यात्रा को मंच पर साकार रूप दिया गया। इसके बाद कथक, थारू और बधावा नृत्य और पद्मश्री मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।