क्या यूपी में गेहूं की बुवाई शुरू होने के बाद भी किसानों की समस्याएं खत्म होंगी?

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क्या यूपी में गेहूं की बुवाई शुरू होने के बाद भी किसानों की समस्याएं खत्म होंगी?

सारांश

उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुवाई का समय आ गया है, लेकिन किसानों की समस्याएं कम नहीं हो रही हैं। विनय पटेल ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि किसान खाद की कमी और फसल बर्बादी से परेशान हैं। क्या किसानों की आवाज सुनी जाएगी?

Key Takeaways

  • गेहूं की बुवाई का समय शुरू हुआ है।
  • खाद की कमी किसानों के लिए बड़ी चुनौती है।
  • फसल बर्बादी से किसानों की स्थिति बिगड़ रही है।
  • सरकार को किसानों के लिए मुआवजा देना चाहिए।
  • किसान आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।

लखनऊ, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुवाई का समय आ चुका है, लेकिन किसानों की परेशानियों का कोई अंत नहीं दिखाई दे रहा। आम आदमी पार्टी (आप) के अयोध्या प्रांत अध्यक्ष विनय पटेल ने सोमवार को सरकार पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का किसान अभी भी खाद की भारी कमी और फसल बर्बादी की दोहरी मार सहन कर रहा है, जबकि सरकार चुप्पी साधे हुए है।

विनय पटेल ने पत्रकारों से कहा कि पिछले चार महीनों से किसान खाद की कमी का सामना कर रहे हैं। कई जिलों में किसानों को घंटों लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अब गेहूं की बुवाई शुरू हो चुकी है, फिर भी हालात जस के तस बने हुए हैं। सरकार की लापरवाही किसानों की पीड़ा को और बढ़ा रही है।

उन्होंने बताया कि पूर्वांचल और बुंदेलखंड के कई जिलों में हाल में हुई बारिश और आंधी से फसलें बर्बाद हो गईं। झांसी, हमीरपुर और महोबा जैसे इलाकों से किसानों की आत्महत्याओं की खबरें आ रही हैं, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

पटेल ने कहा कि किसान अब फसल नहीं, बल्कि अपनी जान बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि ग्राम पंचायत स्तर पर फसल नुकसान का सर्वे कराकर किसानों को 20,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए, जैसा कि पंजाब सरकार कर रही है। साथ ही, प्रदेश के सभी धान क्रय केंद्रों को 10 दिनों के भीतर चालू करने की मांग की।

विनय पटेल ने आरोप लगाया कि प्रदेश में धान खरीद केंद्र बंद पड़े हैं, जिससे किसान मजबूरी में सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,369 प्रति क्विंटल के बजाय 1,600–1,700 में अपनी उपज बेचने को विवश हैं।

उन्होंने कहा, “सरकार की नीतियां किसानों को बिचौलियों के हाथों लुटवा रही हैं।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसानों की समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं हुआ तो आम आदमी पार्टी राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेगी।

उन्होंने कहा, “यह सिर्फ फसल की नहीं, किसान के भविष्य की लड़ाई है। अब किसान चुप नहीं बैठेगा, और आम आदमी पार्टी उसकी आवाज बनकर मैदान में उतरेगी।”

Point of View

खाद की कमी और फसल बर्बादी से किसान परेशान हैं। सरकार को अपने कार्यों में तेजी लानी होगी ताकि किसानों को राहत मिल सके। यह मुद्दा केवल कृषि का नहीं, बल्कि राष्ट्र की आर्थिक स्थिरता का भी है।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुवाई कब शुरू हुई?
उत्तर प्रदेश में गेहूं की बुवाई का समय 3 नवंबर से शुरू हुआ है।
किसान किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं?
किसान खाद की कमी और फसल बर्बादी जैसे गंभीर मुद्दों का सामना कर रहे हैं।
विनय पटेल ने सरकार से क्या मांग की है?
विनय पटेल ने सरकार से किसानों को 20,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा देने की मांग की है।