क्या उपराष्ट्रपति धनखड़ का पुडुचेरी दौरा महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- उपराष्ट्रपति का दौरा पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देता है।
- संवाद सत्र में छात्रों और शिक्षकों से जुड़ने का अवसर।
- "एक पेड़ मां के नाम" अभियान का हिस्सा बनना।
पुडुचेरी, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 16 और 17 जून को पुडुचेरी के दो दिवसीय दौरे पर उपस्थित रहेंगे। इस दौरान वह जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) और पांडिचेरी विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेंगे।
16 जून को, उपराष्ट्रपति जेआईपीएमईआर के एपीजे अब्दुल कलाम ऑडिटोरियम में 'राष्ट्र निर्माण में पर्यावरणीय स्थिरता' विषय पर एक विशेष कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। यह कार्यक्रम सायं 4 बजे से 5 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य सतत विकास पर संवाद और जागरूकता को बढ़ावा देना है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ जेआईपीएमईआर के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ संवाद सत्र भी आयोजित करेंगे, जो राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर शैक्षणिक समुदाय के साथ उनकी संलग्नता को दर्शाता है।
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत उपराष्ट्रपति द्वारा एक पौधा लगाना होगा। इस अभियान की शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी, जो मातृत्व को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देता है।
यह पौधा उपराष्ट्रपति की मां केसरी देवी के नाम पर लगाया जाएगा। इस कार्यक्रम में पुडुचेरी के उपराज्यपाल के. कैलाशनाथन, मुख्यमंत्री एन. रंगासामी, विधानसभा अध्यक्ष आर. सेल्वम, राज्यसभा सांसद एस. सेल्वगनबथी, लोकसभा सांसद वी. वैथिलिंगम और विधायक वी. अरौमौगामे सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेंगे।
वहीं, पांडिचेरी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में, उपराष्ट्रपति धनखड़ 17 जून को सुबह 10 बजे विश्वविद्यालय का दौरा करेंगे। डॉ. बीआर अंबेडकर प्रशासनिक भवन के अंदर स्थित जवाहरलाल नेहरू सभागार में आयोजित एक सत्र के दौरान, वे संकाय, छात्रों और प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ संवाद करेंगे।
यह यात्रा उपराष्ट्रपति की अकादमिक संस्थानों के साथ निरंतर संलग्नता और पर्यावरणीय स्थिरता, राष्ट्रीय विकास और युवा सशक्तिकरण पर उनके बल को उजागर करती है।
जेआईपीएमईआर और पांडिचेरी विश्वविद्यालय दोनों संस्थान उच्च स्तरीय व्यवस्था और छात्र एवं संकाय समुदायों की सक्रिय भागीदारी के साथ उपराष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।