क्या यूपीए सरकार जीएसटी लागू करने में असफल रही? : प्रह्लाद जोशी

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी का सफल कार्यान्वयन मोदी सरकार की उपलब्धि है।
- यूपीए सरकार को जीएसटी लागू करने में असफलता का सामना करना पड़ा।
- जीएसटी का सरलीकरण किसानों और उद्योगों के लिए फायदेमंद होगा।
- प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने हेतु मूल्य स्थिरीकरण कोष का उपयोग किया जा रहा है।
- हरित रोजगार और जलवायु लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में जीएसटी का योगदान महत्वपूर्ण होगा।
नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जीएसटी सुधारों की सराहना की। इस अवसर पर उन्होंने यूपीए सरकार पर निशाना साधा। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि यूपीए सरकार जीएसटी लागू करने में असफल रही।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह मोदी सरकार का त्योहारी सीजन में बड़ा उपहार है। मैं उन सभी को याद दिलाना चाहता हूं जो जीएसटी पर टिप्पणी कर रहे हैं। यूपीए सरकार के पूरे 10 वर्षों के दौरान, वे जीएसटी लागू करने में असफल रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले जीएसटी लागू किया। इस दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन सरकार इसे लागू करने में सफल रही। अब जीएसटी का सरलीकरण किया गया है।
उन्होंने कहा कि सौर, पवन और अन्य उपकरणों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने से मेक इन इंडिया को मजबूती मिलेगी, किसानों को समर्थन मिलेगा, हरित रोजगार सृजित होंगे और हमारे जलवायु लक्ष्यों को आगे बढ़ाया जा सकेगा।
कांग्रेस के इस बयान पर कि सरकार ने अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों पर लोकसभा नेता राहुल गांधी की सलाह मानी है, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राहुल गांधी ने सुझाव दिया है कि उनकी सलाह मानी गई है। अगर किसी की नकल करनी है, तो वह शीर्ष रैंकिंग वाले छात्रों की सलाह होनी चाहिए, न कि उन लोगों की जो असफल रहे हैं। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे विपक्ष में रहें और हमें इसी तरह सलाह देते रहें।
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्याज से भरी वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहा कि आज हमने मूल्य स्थिरीकरण कोष के माध्यम से प्याज की खरीद की। जैसा कि आप जानते हैं, पिछले आठ वर्षों से, प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई विशेष परिस्थितियों में, जब भी प्याज या किसी आवश्यक वस्तु की कीमत अत्यधिक बढ़ जाती है, हम इस कोष का उपयोग करके हस्तक्षेप करते हैं। पहले हमने लगभग सात लाख टन, फिर पांच लाख टन और अब तीन लाख टन प्याज की खरीद की है। ये तीन लाख टन मूल्य स्थिरीकरण कोष के माध्यम से खरीदे गए हैं। जिस भी राज्य में प्याज के दाम 30 रुपए से ज्यादा हैं, वहां प्याज को पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।