क्या उपराष्ट्रपति ने तमिलनाडु में विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया?
सारांश
Key Takeaways
- विकसित भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।
- कोयंबटूर के लोगों की मेहनत और उद्यमिता की सराहना की गई।
- उपराष्ट्रपति ने कृषि और उद्योगों के समग्र विकास पर बल दिया।
- महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
- उपरोक्त यात्रा ने नागरिकों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने पद ग्रहण के बाद अपनी पहली यात्रा के दौरान तमिलनाडु के कोयंबटूर में कदम रखा। यह यात्रा (28 से 30 अक्टूबर) सेशेल्स गणराज्य की आधिकारिक यात्रा से लौटने के बाद की गई। उनकी आगमन पर कोयंबटूर के निवासी कोयंबटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत करने के लिए जुटे थे।
इसके पश्चात, उन्हें कोयंबटूर सिटीजन फोरम द्वारा कोयंबटूर जिला लघु उद्योग संघ (सीओडीआईएसएसआईए) में भव्य स्वागत किया गया, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। उपराष्ट्रपति ने उपस्थित जनसमूह के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सेवा, निष्ठा और राष्ट्र निर्माण के मूल्यों पर चर्चा की। उन्होंने विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया और राष्ट्र की प्रगति में विभिन्न क्षेत्रों के योगदान का उल्लेख किया।
उपराष्ट्रपति ने कोयंबटूर के साथ अपने संबंधों को साझा करते हुए वहां के लोगों की मेहनत और उद्यमिता की सराहना की, जिसने इस शहर को जीवंत, ऊर्जावान और समृद्ध बनाया है। उन्होंने उद्योगों और उद्यमों के समग्र विकास के लिए श्रमिकों की कल्याण पर भी बल दिया।
राधाकृष्णन ने कहा कि कृषि का विकास, विनिर्माण और औद्योगिक क्षेत्रों की प्रगति के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने महाकवि सुब्रमण्यम भारती का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत को समृद्ध बनाने के लिए उद्योगों, विनिर्माण और वाणिज्य का विकास आवश्यक है। उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए हर व्यक्ति को योगदान देना होगा और इस यात्रा में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका है।
इसके बाद, उपराष्ट्रपति ने कोयंबटूर के टाउन हॉल निगम भवन का दौरा किया और महात्मा गांधी की स्मृति में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उपराष्ट्रपति ने कोयंबटूर के पेरूर मठ में शांतलिंग रामासामी आदिगलर के शताब्दी समारोह में भी भाग लिया, जहां उन्होंने आध्यात्मिक मूल्यों के प्रसार, शिक्षा को बढ़ावा देने और एक अनुशासित एवं सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण में आदिगलर के योगदान की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने शाम को अपने गृहनगर तिरुपुर में गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। राधाकृष्णन ने तिरुप्पुर कुमारन और महात्मा गांधी की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की। वे 29 अक्टूबर को तिरुपुर में एक सम्मान समारोह में भाग लेंगे। राधाकृष्णन शाम को मदुरै पहुंचेंगे और मदुरै मीनाक्षी अम्मन मंदिर में पूजा करेंगे।
उपराष्ट्रपति 30 अक्टूबर को रामनाथपुरम जिले के पसुम्पोन में पसुम्पोन मुथुरामलिंगा थेवर जयंती कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।