क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन सेशेल्स में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने जा रहे हैं?

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क्या उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन सेशेल्स में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने जा रहे हैं?

सारांश

भारत के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने सेशेल्स में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पैट्रिक हर्मिनी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए यात्रा की। यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। जानिए इस यात्रा की महत्वपूर्ण बातें और भारत-सेशेल्स रिश्ते का महत्व।

Key Takeaways

  • उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन सेशेल्स रवाना हुए हैं।
  • सेशेल्स के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को बधाई देंगे।
  • भारत-सेशेल्स के बीच गहरे संबंध को दर्शाती है यह यात्रा।

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन रविवार को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पैट्रिक हर्मिनी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए सेशेल्स के लिए रवाना हुए।

भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में सूचित किया कि इस यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन सेशेल्स के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति पैट्रिक हर्मिनी को भारत की ओर से बधाई देंगे और दोनों देशों के बीच स्थापित गहरे, दीर्घकालिक और समय-परीक्षित संबंधों की पुष्टि करेंगे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारत-सेशेल्स द्विपक्षीय संबंधों को और गति प्रदान करते हुए उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन सेशेल्स गणराज्य के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉ. पैट्रिक हर्मिनी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए रवाना हो गए हैं।"

इससे पहले, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, "सेशेल्स भारत के विजन महासागर और ग्लोबल साउथ के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के तहत एक महत्वपूर्ण साझेदार है। यह यात्रा सेशेल्स के साथ साझेदारी को मजबूत और विस्तारित करने की भारत की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"

भारत-सेशेल्स का संबंध गहरी मित्रता, समझ और सहयोग का प्रतीक है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "वर्ष 1770 में, पांच भारतीयों का एक छोटा समूह सात अफ्रीकी दासों और 15 फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों के साथ बागान श्रमिकों के रूप में सेशेल्स पहुंचा था और उन्हें द्वीप समूह का पहला निवासी माना गया था।"

भारत-सेशेल्स के बीच राजनयिक संबंध 1976 में स्थापित हुए। 29 जून 1976 को जब सेशेल्स को स्वतंत्रता मिली, तो भारतीय नौसेना के जहाज, आईएनएस नीलगिरि की एक टुकड़ी ने स्वतंत्रता दिवस में भाग लिया।

पीएम मोदी ने मार्च 2015 में सेशेल्स की यात्रा की थी। उस समय पीएम मोदी का यह दौरा 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। इस दौरान पीएम मोदी ने चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।

इन समझौतों में तटीय निगरानी रडार प्रणाली (सीआरएस) परियोजना का उद्घाटन, सेशेल्स को दूसरा डोर्नियर विमान उपहार में देने की घोषणा और सेशेल्स के नागरिकों को भारत यात्रा के लिए तीन महीने का निशुल्क वीजा शामिल था।

Point of View

यह यात्रा भारत और सेशेल्स के बीच के गहरे संबंधों को दर्शाती है। यह न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर सहयोग को भी बढ़ावा देगी। हमें उम्मीद है कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच नई संभावनाओं का द्वार खोलेगी।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या उपराष्ट्रपति का सेशेल्स जाना महत्वपूर्ण है?
हाँ, यह यात्रा भारत और सेशेल्स के बीच के संबंधों को और मजबूत करेगी।
सेशेल्स और भारत के बीच संबंध कब स्थापित हुए?
भारत-सेशेल्स के बीच संबंध 1976 में स्थापित हुए।
क्या समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं?
हाँ, पीएम मोदी ने 2015 में चार महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।