क्या उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक फेरबदल से विकास में तेजी आएगी?
सारांश
Key Takeaways
- उत्तर प्रदेश में 7 आईएएस अधिकारियों के तबादले हुए हैं।
- सरकार ने प्रशासनिक कार्यों को प्रभावी बनाने का निर्णय लिया है।
- नए अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।
- इन बदलावों का विकास कार्यों पर सकारात्मक असर पड़ सकता है।
- जल्द ही अधिकारियों को नए कार्यभार संभालने के निर्देश दिए जाएंगे।
लखनऊ, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर एक महत्वपूर्ण फेरबदल करते हुए कई वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले और नई नियुक्तियों के आदेश जारी किए हैं। इस निर्णय के तहत विकास प्राधिकरणों, जिलों और राज्य स्तरीय विभागों में तैनात अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसमें 7 आईएएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
सरकार का उद्देश्य प्रशासनिक कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी एवं गतिशील बनाना बताया जा रहा है।
जारी सूची के अनुसार, देवरिया के मुख्य विकास अधिकारी प्रमुख पाण्डेय को विशेष सचिव, समन्वय विभाग, उत्तर प्रदेश शासन तथा अपर परियोजना समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के सचिव राजेश कुमार सिंह को देवरिया का नया मुख्य विकास अधिकारी नियुक्त किया गया है।
सुल्तानपुर के मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक को उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण का मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाया गया है।
बिजनौर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) विनय कुमार सिंह को सुल्तानपुर का मुख्य विकास अधिकारी नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा, मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह को उत्तर प्रदेश शासन में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में विशेष सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कानपुर देहात की मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन. को मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
वहीं, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षा नियंत्रक विधान जायसवाल को कानपुर देहात का मुख्य विकास अधिकारी बनाया गया है।
प्रशासनिक हलकों में इन तबादलों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इन अधिकारियों के अनुभव और कार्यशैली से संबंधित विभागों और जिलों में विकास कार्यों को नई गति मिलेगी। इन नियुक्तियों के बाद संबंधित अधिकारियों को जल्द ही अपने-अपने नए कार्यभार संभालने के निर्देश दिए गए हैं।