क्या उत्तर प्रदेश ने आरटीआई निस्तारण में पारदर्शिता के लिए चार जनसूचना अधिकारियों की नियुक्ति की है?
सारांश
Key Takeaways
- चार नए जनसूचना अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।
- आरटीआई आवेदन निस्तारण में पारदर्शिता बढ़ेगी।
- नागरिकों को समय पर सही जानकारी मिलेगी।
- प्रशासनिक दक्षता में सुधार होगा।
- शासन व्यवस्था में जवाबदेही बढ़ेगी।
लखनऊ, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के त्वरित और पारदर्शी निपटान को सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल सचिवालय, उत्तर प्रदेश ने विभिन्न विभागों में चार नए जनसूचना अधिकारियों (पीआईओ) की नियुक्ति की है। यह कदम बढ़ते आरटीआई आवेदनों की संख्या को देखते हुए प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
जारी आदेश के अनुसार, अनु सचिव (शिक्षा प्रभाग) साइमन डेविड पौल को शिक्षा अनुभाग-1 का जनसूचना अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी क्रम में शोभन्त कुमार, अनुभाग अधिकारी, को शिक्षा अनुभाग-2, पवन कुमार शुक्ला, अनुभाग अधिकारी, को सामान्य अनुभाग-1 और कमल सिंह यादव, अनुभाग अधिकारी, को सामान्य अनुभाग-2 का पीआईओ नामित किया गया है। इन सभी अधिकारियों को अपने-अपने अनुभागों से संबंधित सूचनाओं के संकलन, संधारण और आवेदकों को पारदर्शी ढंग से उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई है।
राज्यपाल सचिवालय के अनुसार, हाल के समय में आरटीआई आवेदनों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है, जिससे मौजूदा प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता महसूस की गई। नई नियुक्तियों से न केवल आवेदन निपटान प्रक्रिया में तेजी आएगी, बल्कि नागरिकों को निर्धारित समयसीमा के भीतर सटीक और पूर्ण जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी।
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 आम नागरिकों को शासन-प्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक विभाग में जनसूचना अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि यही अधिकारी सूचना के प्राथमिक स्रोत के रूप में कार्य करते हैं।
राज्यपाल सचिवालय का यह निर्णय शासन व्यवस्था में पारदर्शिता को और मजबूत करने की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उम्मीद की जा रही है कि आरटीआई से जुड़ी प्रक्रियाएं अधिक सुव्यवस्थित होंगी और जानकारी प्राप्त करने में होने वाली देरी तथा जटिलताओं में उल्लेखनीय कमी आएगी।
-- राष्ट्र प्रेस
विकेटी/एएसएच