क्या उत्तर रेलवे के जम्मू मंडल ने ऑटो लोड कैरियर अनुबंध के लिए सफल ई-नीलामी आयोजित की?

Click to start listening
क्या उत्तर रेलवे के जम्मू मंडल ने ऑटो लोड कैरियर अनुबंध के लिए सफल ई-नीलामी आयोजित की?

सारांश

उत्तर रेलवे के जम्मू मंडल ने पार्सल कार्यालय, जम्मू में ऑटो लोड कैरियर अनुबंध के लिए सफल ई-नीलामी आयोजित की है। यह अनुबंध 26.58 लाख रुपए में तीन वर्षों के लिए है। इसने पार्सल संचालन को बेहतर बनाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

Key Takeaways

  • जम्मू मंडल की ई-नीलामी से 26.58 लाख रुपए के अनुबंध का आवंटन।
  • पार्सल संचालन में सुधार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा।
  • छोटे उद्यमियों के लिए अवसर और पारदर्शिता।
  • भारतीय रेलवे की ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली का लाभ।
  • अवैध यात्रा पर अभियान से 3.4 करोड़ रुपए की वसूली।

जम्मू, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर रेलवे के जम्मू मंडल ने पार्सल कार्यालय, जम्मू में ऑटो लोड कैरियर अनुबंध के आवंटन के लिए एक और ई-नीलामी सफलतापूर्वक आयोजित की। यह नीलामी तीन वर्षों की अवधि के लिए कुल 26.58 लाख रुपए के अनुबंध मूल्य के साथ संपन्न हुई।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक उचित सिंघल ने कहा, "यह अनुबंध पार्सल के संचालन और परिवहन को सुव्यवस्थित करेगा, जिससे जम्मू स्टेशन पर बेहतर सेवा वितरण और रसद सहायता सुनिश्चित होगी। ई-नीलामी से प्रतिस्पर्धी भागीदारी और इष्टतम राजस्व सृजन संभव हुआ है।"

ई-नीलामी की प्रक्रिया भारतीय रेलवे की ई-नीलामी प्लेटफॉर्म के माध्यम से पारदर्शिता, दक्षता और व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का हिस्सा है। यह प्रणाली भारतीय रेलवे के ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (आरआरईपीएस) पर आधारित है, जो बोलीदाताओं को देशभर से भाग लेने का अवसर प्रदान करती है। आरआरईपीएस पोर्टल पर एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद बोलीदाता इलेक्ट्रॉनिक रूप से ईएमडी जमा कर सकते हैं और अनुबंध स्वीकृति तुरंत प्राप्त कर सकते हैं।

यह पारंपरिक टेंडर प्रक्रिया से अलग है, जहां लिफाफे में बोली भेजनी पड़ती थी। ई-नीलामी से समय की बचत, पारदर्शिता और अधिक राजस्व सुनिश्चित होता है। छोटे उद्यमियों के लिए भी यह फायदेमंद है, क्योंकि 40 लाख रुपए तक के वार्षिक अनुबंधों के लिए वित्तीय टर्नओवर की जरूरत नहीं।

जम्मू मंडल हाल ही में विभिन्न ई-नीलामियों के माध्यम से गैर-किराया राजस्व बढ़ाने में सक्रिय रहा है। जुलाई 2025 में कश्मीर घाटी के स्टेशनों पर कैटरिंग स्टॉल्स के लिए 13.13 लाख रुपए के अनुबंध आवंटित किए गए।

सितंबर में स्टॉल आवंटन के लिए मेगा ई-नीलामी से 26.16 लाख रुपए का राजस्व आना अपेक्षित है। ये प्रयास यात्री सुविधाओं को मजबूत करते हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं। यह अनुबंध ऑटो लोड कैरियर के माध्यम से पार्सल हैंडलिंग को कुशल बनाएगा, जो जम्मू स्टेशन पर लोडिंग-अनलोडिंग और ट्रांसशिपमेंट को तेज करेगा।

बता दें कि मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक उचित सिंघल ने पहले अवैध यात्रा पर अभियान चलाकर 3.4 करोड़ रुपए वसूले और कर्मचारियों को सम्मानित किया।

Point of View

बल्कि स्थानीय उद्यमियों को भी सशक्त बनाएगी। यह कदम राष्ट्रीय विकास में योगदान देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

ई-नीलामी का क्या महत्व है?
ई-नीलामी से पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, जिससे बेहतर सेवा और राजस्व सृजन होता है।
क्या छोटे उद्यमी ई-नीलामी में भाग ले सकते हैं?
हाँ, छोटे उद्यमियों के लिए 40 लाख रुपए तक के अनुबंधों में वित्तीय टर्नओवर की आवश्यकता नहीं होती है।
ई-नीलामी प्रक्रिया कैसे होती है?
ई-नीलामी प्रक्रिया में बोलीदाता ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और इलेक्ट्रॉनिक रूप से बोली जमा करते हैं।