क्या धराली हादसे में 274 लोगों को सुरक्षित निकाला गया?

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क्या धराली हादसे में 274 लोगों को सुरक्षित निकाला गया?

सारांश

उत्तराखंड के धराली में आई आपदा ने कई जिंदगियों को प्रभावित किया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी टीमों ने अब तक 274 लोगों को सुरक्षित निकाला है। जानें राहत कार्यों के ताजा अपडेट और प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति।

Key Takeaways

  • 274 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
  • 814 रेस्क्यू कर्मी राहत कार्य में जुटे हैं।
  • स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं।
  • रेस्क्यू में 8 हेलीकॉप्टर शामिल हैं।
  • खाद्य सामग्री की आपूर्ति की जा रही है।

देहरादून, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जोरों पर है। सेना, वायुसेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें मलबे में फंसे लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी ताजा जानकारी के अनुसार, अब तक गंगोत्री और अन्य क्षेत्रों से कुल 274 लोगों को हर्षिल लाया गया है। इनमें से गुजरात के 131, महाराष्ट्र के 123, मध्य प्रदेश के 21, उत्तर प्रदेश के 12, राजस्थान के 6, दिल्ली के 7, असम और कर्नाटक के 5-5, तेलंगाना के 3 और पंजाब का एक व्यक्ति शामिल हैं। सभी लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इन्हें उत्तरकाशी या देहरादून भेजा जा रहा है।

रेस्क्यू ऑपरेशन में वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 सहित कुल 6 हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं। इसके अलावा, 2 अन्य हेलीकॉप्टर भी शामिल किए जा रहे हैं और अगले दिन से कुल 8 हेलीकॉप्टर ऑपरेशन में लगाए जाएंगे। सेना के एचएएल और चीता हेलीकॉप्टरों के जरिए भी सुबह 7 बजे से ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।

रेस्क्यू और राहत कार्यों में 479 अधिकारी और सदस्य सक्रिय रूप से कार्यरत हैं। इनमें राजपुताना रायफल्स के 150 जवान, सेना की घातक टीम के 12 सदस्य, एनडीआरएफ के 69, एसडीआरएफ के 50, आईटीबीपी के 130, पुलिस और वायरलेस के 15 अधिकारी, चिकित्सा टीम और अग्निशामक विभाग के सदस्य शामिल हैं।

इसके अलावा, राहत कार्य के लिए तैनात 814 अन्य सदस्य विभिन्न स्थानों से रवाना किए गए हैं, जिनमें नेलांग से 40, आर्मी मेडिकल के 50, टोकला टीसीपी से 50, आगरा से स्पेशल फोर्स के 115, आईटीबीपी के 89, एनडीआरएफ के 160, एसडीआरएफ के 30 और पुलिस के 280 जवान शामिल हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धराली में एक मेडिकल टीम, एक डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट और एक एंबुलेंस तैनात है। हर्षिल में 7 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम एसएमओ मेडिसिन के साथ कार्यरत है। मातली में आईटीबीपी के 2 डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग के 4 विशेषज्ञ तैनात हैं। कुल मिलाकर 294 बेड्स और 65 आईसीयू बेड्स की व्यवस्था की गई है।

अब तक 230 लोगों का रेस्क्यू किया गया है, जिनमें से 230 को हेलीकॉप्टर के माध्यम से जौलीग्रांट पहुंचाया गया है, जबकि अन्य को सड़क मार्ग से उनके गंतव्य तक भेजा जा रहा है। रेस्क्यू किए गए 13 घायलों को मातली अस्पताल लाया गया है, जिनमें से 3 को गंभीर स्थिति में एम्स ऋषिकेश, 2 को मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून और 8 को जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में भर्ती कराया गया है।

रेस्क्यू कार्य में जेसीबी, एस्कवेटर और डोजर सहित कुल 5 मशीनें कार्यरत हैं। गंगोत्री में अभी भी लगभग 400 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें आईटीबीपी द्वारा हर्षिल लाया जा रहा है और फिर वहां से हेलीकॉप्टर के जरिए मातली पहुंचाया जा रहा है। अब तक 105 लोगों को हर्षिल से निकाला जा चुका है।

इस आपदा में अब तक 2 लोगों के शव बरामद किए गए हैं, जबकि 9 सैन्यकर्मी और 7 आम नागरिक अभी भी लापता हैं। राहत कार्य में तेजी लाने के लिए आईसीपी धराली अब फंक्शनल हो चुकी है और एनडीआरएफ का क्विक रिस्पॉन्स यूनिट भी सक्रिय किया जा रहा है।

लोगों तक भोजन पहुंचाने के लिए 2,000 'रेडी टू इट' फूड पैकेट हर्षिल भेजे गए हैं। इसके अलावा, फूड एंड सप्लाई विभाग की ओर से नियमित रूप से सूखा राशन और अन्य खाद्य सामग्री भेजी जा रही है।

Point of View

हमारा कर्तव्य है कि हम आपदा में फंसे लोगों की मदद करें और राहत कार्यों को प्राथमिकता दें। हमें इस संकट की घड़ी में एकजुटता दिखाने की आवश्यकता है।
NationPress
07/08/2025

Frequently Asked Questions

धराली हादसे में कितने लोग फंसे हुए हैं?
लगभग 400 लोग गंगोत्री में फंसे हुए हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में कौन सी टीमें शामिल हैं?
सेना, वायुसेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें शामिल हैं।
क्या घायल लोगों का इलाज किया जा रहा है?
जी हां, 13 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या राहत सामग्री भेजी जा रही है?
हां, 2000 'रेडी टू इट' फूड पैकेट भेजे गए हैं और सूखा राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
कितने लोगों को अब तक सुरक्षित निकाला गया है?
अब तक 274 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है।