क्या उत्तराखंड के केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे में पायलट समेत सभी 7 लोगों की मौत हो गई?

सारांश
Key Takeaways
- दुर्घटना में सात लोगों की मौत
- खराब मौसम का प्रभाव
- बचाव कार्य जारी
- मुख्यमंत्री का संवेदनाएं व्यक्त करना
- हवाई सुरक्षा की आवश्यकता
रुद्रप्रयाग, 15 जून (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में रविवार सुबह एक हेलीकॉप्टर जो केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था, दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 23 महीने का एक शिशु और पायलट सहित कुल सात लोगों की मौत हो गई।
हेलीकॉप्टर ने अपनी 10 मिनट की उड़ान के दौरान गौरी माई खर्क के निकट घने जंगल में गिरकर सुबह लगभग 5:20 बजे गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूसीएडीए) के द्वारा जारी बयान के अनुसार, मृतकों में छह तीर्थयात्री थे, जिनमें एक शिशु और पांच वयस्क शामिल थे। ये लोग उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के निवासी थे। पायलट भी मृतकों में शामिल है।
अधिकारियों के अनुसार, इस दुर्घटना का मुख्य कारण खराब दृश्यता और प्रतिकूल मौसम की स्थिति हो सकता है।
बचाव और राहत कार्य तेजी से जारी हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच रही हैं। दुर्घटना स्थल गौरीमाई खर्क के ऊपर स्थित दुर्गम वन क्षेत्र में है, जिससे बचाव कार्य और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
एसडीआरएफ की टीमें कठिन इलाकों से होकर पहुंच रही हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख प्रकट किया है और सोशल मीडिया पर लिखा, "रुद्रप्रयाग जिले में हेलीकॉप्टर दुर्घटना की खबर बहुत दुखद है। एसडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और अन्य बचाव दल राहत कार्य में जुटे हैं। मैं बाबा केदार से सभी यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूँ।"
2 मई को केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद से यह विमान दुर्घटना से संबंधित पांचवीं घटना है।
7 जून को एक अन्य हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी आई थी, जिसके चलते उसे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इस घटना में हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा एक खड़ी कार से टकरा गया था, लेकिन हेलीकॉप्टर में सवार सभी पांच तीर्थयात्रियों को कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ, हालांकि पायलट को मामूली चोटें आई थीं।