क्या उत्तरकाशी आपदा के रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम ने मुसीबतें बढ़ाई हैं?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तरकाशी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है।
- रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम ने कठिनाइयाँ पैदा की हैं।
- स्थानीय प्रशासन और बचाव टीमें मिलकर राहत कार्य कर रही हैं।
- आपदा में चार लोगों की जान गई है और कई लोग लापता हैं।
- मौसम की स्थिति रेस्क्यू ऑपरेशन को चुनौती दे रही है।
देहरादून, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी(धराली) जिले में मंगलवार को बादल फटने से जो तबाही हुई, उसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन तेज गति से जारी है। धराली में आई इस आपदा की स्थिति पर राज्य कंट्रोल रूम से लगातार नज़र रखी जा रही है।
गढ़वाल के कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि धराली पहुंचने वाला संपर्क मार्ग नेताला पर बाधित है। इसे खोलने के लिए बीआरओ की टीम लगी हुई है। इसके अतिरिक्त, अन्य दो से तीन जगहों पर भी मार्ग में थोड़ी बहुत बाधा आई है। आपदा प्रबंधन द्वारा भारतीय वायुसेना से मदद मांगी गई है, लेकिन वर्तमान में मौसम बहुत ख़राब होने के कारण मदद संभव नहीं है।
गढ़वाल कमिश्नर ने कहा कि यह घटना दिन में 1:50 पर रिपोर्ट की गई और उसके बाद जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राहत और बचाव कार्यों को लेकर निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सुखी टॉप पर भी बादल फटने की सूचना मिली है, जहां भारतीय सेना और एसडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।
उनके अनुसार, मिली जानकारी के अनुसार, वहां पर 20 से 25 फीट तक मलवा आया है। धराली शहर का एक बड़ा हिस्सा मलवे में तब्दील हो गया है। स्थानीय लोगों की सहायता से जिला प्रशासन की टीम लगातार राहत-बचाव का कार्य कर रही है।
महत्वपूर्ण है कि उत्तरकाशी जिले में भूस्खलन और बादल फटने की इस घटना में कम से कम चार लोगों की जान चली गई है। कई अन्य लोग लापता होने की आशंका जताई जा रही है। उत्तरकाशी में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, जिसमें आईटीबीपी, एनडीआरएफ की दो टीमें और सेना की एक टीम राहत कार्य में सक्रिय हैं। सेना की टीम में लगभग 80 जवान शामिल हैं।