क्या उत्तरकाशी धराली आपदा के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तरकाशी में आपदा के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
- विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम को धराली भेजा गया है।
- 108 एंबुलेंस सेवाएं सक्रिय हैं।
- आपात नियंत्रण कक्ष 24x7 काम कर रहा है।
देहरादून, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तरकाशी जनपद के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने के कारण उत्पन्न भीषण आपदा के बाद राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं राहत कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निरंतर संवाद में हैं, ताकि समय पर पीड़ितों तक सहायता पहुंचाई जा सके।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने आपदा की गंभीरता को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम को तुरंत धराली क्षेत्र के लिए रवाना करने के निर्देश दिए हैं। इस टीम में सर्जन, निश्चेतक, फिजीशियन और आर्थोपेडिक सर्जन शामिल हैं। टीम का संचालन गढ़वाल मंडल के निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण को सौंपा गया है, जिन्हें इस आपदा में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने आपदा प्रबंधन के तहत राज्य के सभी प्रमुख चिकित्सालयों को निर्देश दिए हैं कि गंभीर रूप से घायल मरीजों के इलाज के लिए बेड आरक्षित रखें। इसके साथ ही, सभी चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों के अवकाश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है, जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। यह सुनिश्चित किया गया है कि अस्पतालों में दवाओं, सर्जिकल सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की कोई कमी न रहे।
धराली और आसपास के प्रभावित क्षेत्रों में 108 एंबुलेंस सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इन सेवाओं के माध्यम से घायलों को तत्काल प्राथमिक उपचार देना, उन्हें निकटतम अस्पतालों तक पहुंचाना और संवेदी वर्गों की प्राथमिक चिकित्सा सुनिश्चित करना प्रमुख उद्देश्य है। आसपास के जनपदों से भी एंबुलेंस सेवाओं का समन्वय कर आपदा क्षेत्र में भेजा गया है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि उत्तरकाशी जिले में 24x7 सक्रिय एक आपात नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। यह नियंत्रण कक्ष राहत और चिकित्सा कार्यों की निरंतर निगरानी करेगा और आवश्यक समन्वय स्थापित करेगा, ताकि किसी भी प्रकार की बाधा को तत्काल दूर किया जा सके।
राजेश कुमार ने स्पष्ट किया कि यह एक अत्यंत संवेदनशील और मानवीय आपदा है, जिसमें हर अधिकारी और कर्मचारी से संवेदनशीलता और तत्परता अपेक्षित है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।