क्या उत्तरकाशी में भारतीय सेना ने बचाव अभियान को तेज किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय सेना ने उत्तरकाशी में राहत कार्य तेज किया है।
- कर्नल हर्षवर्धन की अगुवाई में 150 जवान राहत कार्य में लगे हैं।
- बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
- सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
- स्थानीय प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में बादल फटने की घटना के बाद, भारतीय सेना ने बचाव और राहत कार्यों को तेज कर दिया है। प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीनी और हवाई दोनों स्तरों पर राहत पहुंचाई जा रही है।
सेना के सेंट्रल कमांड ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर जानकारी दी कि कर्नल हर्षवर्धन, जो 14 राजराइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर हैं, 5 अगस्त की सुबह से ही 150 जवानों की टीम के साथ राहत कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सभी बचे लोगों को सुरक्षित निकालने के प्रयास लगातार जारी हैं।
सेना ने आगे पुष्टि की कि "हर्षिल में संसाधनों की पूर्ति के लिए सेना के ट्रैकर डॉग, ड्रोन, लॉजिस्टिक ड्रोन, अर्थमूविंग उपकरण आदि के साथ अतिरिक्त सैन्य टुकड़ियां आगे बढ़ाई गई हैं ताकि प्रयासों में तेजी लाई जा सके।" आवश्यक आपूर्ति पहुंचाने, चिकित्सा सहायता और फंसे हुए निवासियों को निकालने के लिए सेना और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है।
सेना की पोस्ट में कहा गया है, "इस बीच, लगातार बारिश के कारण बढ़ते जलस्तर को देखते हुए निवासियों को ऊंचे इलाकों में ले जाया गया है।"
लगातार बारिश के कारण उत्तरकाशी जिले में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के चलते प्रशासन हाई अलर्ट पर है। मौसम विभाग ने बहुत भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है। इसी कारण सभी सरकारी व निजी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद कर दिया गया है।
प्रशासन की ओर से लाउडस्पीकरों के ज़रिए लोगों को चेतावनी दी जा रही है कि जो लोग नदी किनारे या निचले इलाकों में रहते हैं, वे तुरंत सुरक्षित स्थानों की ओर चले जाएं।
मंगलवार को हुए बादल फटने की घटना में कम से कम चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और कई लोग अभी भी लापता हैं। सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम राहत और बचाव कार्य कर रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंध्र प्रदेश दौरा बीच में छोड़कर देहरादून लौटकर राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र से हालात की निगरानी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि अब तक 130 से ज़्यादा फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है और सभी जरूरतमंदों को खाना, ठहरने की जगह और इलाज जल्द से जल्द पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।