क्या उत्तरकाशी धराली आपदा के पीड़ितों की सहायता के लिए खड़ी है सरकार?

सारांश
Key Takeaways
- आपदा प्रबंधन में तेजी लाना आवश्यक है।
- मुख्यमंत्री का पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनशीलता सराहनीय है।
- रेस्क्यू ऑपरेशन में सरकारी एजेंसियां सक्रिय हैं।
- आपदा में प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री की व्यवस्था की जा रही है।
- सरकार ने लापता व्यक्तियों की खोज को प्राथमिकता दी है।
उत्तरकाशी, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा से प्रभावित धराली क्षेत्र का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने बुधवार को उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा में पीड़ित लोगों के परिजनों से मुलाकात की। इस अवसर पर, सीएम धामी ने प्रभावित परिवारों को इस संकट के समय में हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "इस आपदा ने कई परिवारों को अपार दुख दिया है, हम उनकी पीड़ा को समझते हैं। हमारी सरकार पूरी तरह से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है।" उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को तेजी से संचालित किया जा रहा है। हमारी प्राथमिकता प्रत्येक लापता व्यक्ति की तलाश और प्रभावित परिवारों को पूर्ण सहयोग प्रदान करना है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने उत्तरकाशी स्थित आपदा नियंत्रण कक्ष में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों और सेना के प्रतिनिधियों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन की गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राहत कार्यों को तीव्र गति से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने उत्तरकाशी में नदी के बढ़े जलस्तर और आसपास के क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने को कहा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "धराली में सभी सरकारी एजेंसियां, विभाग और सेना आपसी समन्वय से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। बीती रात 130 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है। बंद रास्तों को खोला जा रहा है और प्रभावितों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टर पूरी तरह से तैयार हैं, ताकि जरूरत के अनुसार तुरंत उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।"
मुख्यमंत्री ने बताया कि क्षेत्र में राहत शिविर और मेडिकल कैंप बनाए गए हैं, जहां प्रभावितों के लिए खाने-पीने समेत जरूरी सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।