क्या ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ ने वैशाली के किसानों का खेती के प्रति रुझान बढ़ा दिया?

सारांश
Key Takeaways
- छह हजार रुपये की वार्षिक सहायता राशि
- आर्थिक तंगी से उबरने का साधन
- फसल उत्पादन में बढ़ोतरी
- किसानों के लिए सहायता का एक महत्वपूर्ण स्रोत
- प्रधानमंत्री की सराहना
वैशाली, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के वैशाली जिले में केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना ने किसानों के लिए सच्चा वरदान साबित किया है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को हर वर्ष तीन किस्तों में छह हजार रुपये की सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में प्रदान की जा रही है। इस राशि का उपयोग किसान अपनी फसलों के लिए बीज-खाद खरीदने और घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने में कर रहे हैं।
वैशाली के किसान, जो आर्थिक तंगी के कारण खेती छोड़ चुके थे, अब इस योजना से जुड़कर फिर से खेती करने लगे हैं। यहां के किसानों ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है।
जिले के एक किसान रविंद्र प्रसाद सिंह ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को बताया कि वह लंबे समय से खेती कर रहे हैं और खेती से उनका पूरा परिवार चल रहा है। उन्होंने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि पहले आर्थिक तंगी के कारण कई बार समस्याओं का सामना करना पड़ता था। पीएम मोदी की किसान सम्मान निधि योजना से मिली सहायता राशि खेती में काफी सहायक साबित हुई है। उन्होंने कहा कि पहले हमें कोई सहायता नहीं मिलती थी, जिससे बहुत दिक्कतें होती थीं। लेकिन अब इस योजना के माध्यम से खेती-किसानी के लिए मिलने वाली सहायता से खुशी और राहत महसूस हो रही है।
रविंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से समय पर सहायता राशि मिल रही है। साल में छह हजार रुपये बैंक खाते में आते हैं, जिससे वह खेती से संबंधित चीजों की खरीदारी कर पा रहे हैं। बाकी पैसे से घरेलू ज़रूरतें पूरी करते हैं। पहले की तुलना में अब खेती करना भी अच्छा लगता है। उन्होंने बताया कि वह सीजन के अनुसार खेती करते हैं। गर्मियों में वह फलों की खेती करते हैं और इसके अलावा अनाज की पैदावार भी करते हैं।
लाभार्थी सुरेंद्र देव ने कहा कि इस योजना ने उनकी खेती को काफी सुधारा है। पहले की तुलना में अब उनकी फसलों की पैदावार दो से ढाई गुना बढ़ गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 40 वर्षों से खेती करने के बावजूद, पानी की व्यवस्था तो हो जाती थी, लेकिन समय पर पूंजी की कमी एक बड़ी समस्या थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना ने किसानों की पूंजी संबंधी ज़रूरतों को पूरा किया है, जो किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा।